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रायपुर/ छत्तीसगढ़ के शहरी इलाकों में अब अवैध प्लाटिंग पर सख्ती की जाएगी। इस तरह के मामले सामने आने पर सबसे पहले एफआईआर करवाई जाएगी। यही नहीं, अगर अवैध स्थल पर कोई निर्माण कर लिया गया है, तो उसे भी तुरंत ध्वस्त कर दिया जाएगा। यही नहीं, इस तरह की अवैध प्लाटिंग के लिए नक्शा पास करने वाले अधिकारी और बिजली कनेक्शन की अनुमति देने वाले अधिकारी के खिलाफ भी कार्रवाई करने कहा गया है।
अब मामला आते ही होगी ये कार्रवाई:
नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने अवैध प्लाटिंग कॉलोनी निर्माण के प्रकरणों के संज्ञान में आते ही कार्रवाई का आदेश दिया है। विभाग का कहना है कि अवैध कॉलोनी निर्माण करने वाला या कोई अन्य व्यक्ति, जो कालोनी स्थापित करने के उद्देश्य से, अपनी भूमि को या किसी अन्य व्यक्ति की भूमि को, भू खण्डों में विभाजित करता है, के विरूद्ध विधि सम्मत यथा एफआईआर दर्ज की जाये।
जब्त होगी निर्माण सामग्री
अवैध प्लाटिंग स्थल पर किये गये निर्माण संरचना जैसे रोड प्लींथ अन्य निर्माण को नियमानुसार कार्यवाही करते हुए पूर्णतः ध्वस्त कर, निर्माण सामग्री की जब्ती कार्यवाही की जाये। यही नहीं यदि किसी अधिकारी कर्मचारी द्वारा अवैध प्लाटिंग कॉलोनी पर भवन का नक्शा स्वीकृति या विद्युत जल प्रदाय संयोजन की अनुमति दी जाती है, तो उनके विरूद्ध छत्तीसगढ़ नगर पालिक निगम अधिनियम, छत्तीसगढ़ नगर पालिका अधिनियम के तहत कार्रवाई होगी। आदेश में कहा गया है कि अवैध प्लाटिंग कॉलोनी निर्माण के संबंध में आवश्यक कार्यवाही के लिए राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग एवं नगर तथा ग्राम निवेश विभाग को भी सूचना दी जाए। साथ ही छत्तीसगढ़ नगर पालिक निगम तथा नगर पालिका (कालोनाइजर का रजिस्ट्रीकरण, निबंधन नियम, 2013 के तहत कार्रवाई करने कहा गया है।
सभी नगरीय निकायों को सरकार का आदेश
इस संबंध में राज्य सरकार के नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने राज्य के सभी नगर निगम आयुक्त, पालिकाओं और नगर पंचायतों के सीएमओ को आदेश जारी कर दिया है। सरकार का कहना है कि प्रायः यह देखने में आया है कि निकाय क्षेत्रांतर्गत अवैध प्लाटिंग कॉलोनी निर्माण करने वालों के विरुद्ध कई शिकायतें प्राप्त हो रही हैं, जबकि ऐसे प्रकरणों में नगर पालिक निगम क्षेत्र के लिए छत्तीसगढ़ नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 तथा नगर पालिका परिषद नगर पंचायत क्षेत्र के लिए छत्तीसगढ़ नगर पालिका अधिनियम, 1961 एवं छत्तीसगढ़ नगर पालिक निगम तथा नगर पालिका (कालोनाइजर का रजिस्ट्रीकरण, नियम, 2013) के अंतर्गत कार्रवाई का प्रावधान है।