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रायपुर// रायगढ़ के घरघोड़ा क्षेत्र में बजरमुड़ा स्थित गारे पेलमा कोल ब्लॉक भू-अर्जन घोटाले में एक और अधिकारी पर कार्रवाई हुई है। तत्कालीन एसडीएम और वर्तमान में सारंगढ़-बिलाईगढ़ के डिप्टी कलेक्टर अशोक कुमार मारबल को निलंबित कर रायपुर कमिश्नर ऑफिस अटैच किया गया है। यह कार्रवाई मुआवजा वितरण घोटाला में उनकी संलिप्तता के चलते की गई।
क्या है बजरमुड़ा घोटाला
गारे पेलमा सेक्टर-3 कोल ब्लॉक के लिए मिलूपारा, करवाही, खम्हरिया, ढोलनारा और बजरमुड़ा में 449.166 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण हुई। बजरमुड़ा में 170 हेक्टेयर के लिए शुरू में 478.68 करोड़ रुपये का मुआवजा तय किया गया, जो बाद में 415.69 करोड़ तक कम हुआ। जांच में सामने आया कि असिंचित भूमि को सिंचित बताकर, पेड़ों की संख्या बढ़ाकर और टिन शेड को पक्का निर्माण दिखाकर मुआवजे की राशि में हेराफेरी की गई।
जांच और कार्रवाई
रायगढ़ निवासी दुर्गेश शर्मा की शिकायत पर गठित आईएएस रमेश शर्मा की जांच कमेटी ने घोटाले को सुनियोजित और आपराधिक साजिश करार दिया। कमेटी ने राजस्व अधिकारियों, तहसीलदारों और भू-माफिया की मिलीभगत का खुलासा किया। अब तक दो पटवारी निलंबित हो चुके हैं, और अब अशोक मारबल पर गाज गिरी है। भालूमुड़ा से गारे पेलमा रेल लाइन प्रोजेक्ट में भी टिन शेड को पोल्ट्री फार्म बताकर मुआवजे में गड़बड़ी पाई गई।
बता दें कि, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सरकार ने भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई है। जांच पांच महीने पहले पूरी हुई, लेकिन हाल में कार्रवाई तेज हुई। 13 सदस्यीय जांच कमेटियों की रिपोर्ट में भू-अर्जन घोटालों के तौर-तरीके उजागर हुए। हालांकि, बड़े अधिकारियों पर कार्रवाई न होने से सवाल उठ रहे हैं।