बड़ी खबर : DIG सुरेश कुमार ठाकुर की बंद कमरे में मिली संदिग्ध लाश, 2 महीने बाद होने वाले थे सेवानिवृत..

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रायपुर// छत्तीसगढ़ पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और एसडीआरएफ एवं फायर सर्विसेज के डीआईजी सुरेश कुमार ठाकुर का आकस्मिक निधन हो गया। रायपुर में अपने सरकारी आवास में सोते समय उन्हें हार्ट अटैक आया, जिसके चलते उनकी मौत हो गई। यह दुखद घटना गुरुवार सुबह सामने आई जब वह अपने बिस्तर पर मृत अवस्था में पाए गए। पूरे पुलिस विभाग और प्रशासनिक अमले में शोक की लहर है।

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रायपुर के शासकीय आवास में मिले मृत अवस्था में

जानकारी के अनुसार, डीआईजी सुरेश कुमार ठाकुर (गांवरे) की दो माह पहले ही रायपुर में पदस्थापना हुई थी। इससे पहले वे बिलासपुर जिले में पदस्थ थे। रायपुर आने के बाद वह अपने शासकीय आवास में अकेले रह रहे थे, जबकि उनकी पत्नी माधुरी सोम, जो कोरबा जिले में डिप्टी कलेक्टर हैं, वहीं पर रह रही थीं। बुधवार की रात सुरेश कुमार ठाकुर ने घर में खाना खाकर सामान्य रूप से सोने गए थे। अगले दिन सुबह जब वे देर तक नहीं उठे तो चौकीदार ने दरवाजा खटखटाया। अंदर से कोई प्रतिक्रिया न मिलने पर चौकीदार ने दरवाजा तोड़ा और देखा कि अधिकारी बिस्तर पर अचेत पड़े हुए हैं। तुरंत पुलिस और अन्य अधिकारियों को सूचना दी गई और उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, हार्ट अटैक से उनकी मौत हुई।

सेवा निवृत्ति में बाकी थे केवल दो महीने

मृतक अधिकारी सुरेश कुमार ठाकुर की सेवा यात्रा भी उल्लेखनीय रही है। उन्होंने पीएससी परीक्षा के माध्यम से जिला सेनानी के पद से अपने करियर की शुरुआत की थी। अपनी कार्यकुशलता, अनुशासन और नेतृत्व क्षमता के कारण वे धीरे-धीरे पदोन्नत होते हुए डीआईजी (एसडीआरएफ एवं फायर सर्विसेज) के पद तक पहुंचे। तीन माह पहले ही उनका तबादला बिलासपुर से रायपुर किया गया था। वे 31 दिसंबर 2025 को सेवानिवृत्त होने वाले थे, लेकिन उससे पहले ही अचानक आई इस दुखद घटना ने उनके परिवार और पूरे पुलिस बल को गहरा सदमा दिया है।

बालोद में हुआ अंतिम संस्कार, मिला राजकीय सम्मान

डीआईजी सुरेश कुमार ठाकुर का पैतृक निवास बालोद जिले के बालोद ब्लॉक का ग्राम तरौद है। निधन की सूचना मिलते ही उनके शव को वहां ले जाया गया, जहां गांव के गांवर बगीचा में राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम संस्कार से पहले गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान कर उन्हें सलामी दी गई। मौके पर जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, प्रशासनिक अधिकारी, जनप्रतिनिधि और ग्रामीण बड़ी संख्या में मौजूद रहे। हर किसी की आंखें नम थीं।

परिवार में सेवा और समर्पण की परंपरा

सुरेश कुमार ठाकुर का परिवार भी सेवा भावना और प्रशासनिक पदों से जुड़ा हुआ है। उनके बेटे पंकज ठाकुर पुलिस विभाग में डीएसपी पद पर पदस्थ हैं और वर्तमान में कोरबा जिले में सेवा दे रहे हैं। उनकी पत्नी माधुरी सोम कोरबा में डिप्टी कलेक्टर हैं। वहीं उनकी बेटी प्रतिभा रानी ठाकुर डॉक्टर हैं और रायपुर में कार्यरत हैं।

पुलिस विभाग में शोक की लहर

डीआईजी सुरेश कुमार ठाकुर के निधन की खबर से पूरे पुलिस विभाग में शोक की लहर फैल गई। राज्य पुलिस मुख्यालय रायपुर से लेकर फायर सर्विसेज एवं एसडीआरएफ के सभी अधिकारियों ने गहरी संवेदना व्यक्त की है। वरिष्ठ अधिकारियों ने उन्हें एक कुशल प्रशासक, अनुशासित अधिकारी और संवेदनशील इंसान बताया। उन्होंने कहा कि डीआईजी ठाकुर ने अपनी सेवा के दौरान कई आपदा प्रबंधन अभियानों और फायर सर्विसेज के आधुनिकीकरण कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। सम्मानजनक व्यक्तित्व और अनुशासनप्रिय अधिकारी सुरेश कुमार ठाकुर का व्यक्तित्व अत्यंत सादगीपूर्ण और अनुशासनप्रिय माना जाता था। उनके साथ काम करने वाले अधिकारी बताते हैं कि वे अपने अधीनस्थ कर्मचारियों के प्रति हमेशा सहयोगी रहते थे। उनका नेतृत्व कौशल, कठोर परंतु न्यायसंगत व्यवहार और कर्तव्यनिष्ठा पुलिस विभाग के लिए प्रेरणा का स्रोत रही है।

राज्यपाल व मुख्यमंत्री ने जताया शोक

डीआईजी ठाकुर के निधन पर प्रदेश के राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने भी संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि राज्य ने एक ईमानदार, कर्तव्यनिष्ठ और अनुशासनप्रिय अधिकारी को खो दिया है। सरकार की ओर से परिजनों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया गया है।

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