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सक्ती// मालिक माइंडसेट वाले गुरुजी लोगों से शिक्षा विभाग की परेशानी अब कम नहीं हो पा रही है कि अब एक बीईओ की कारस्तानी सामने आ गई है। बीईओ अपने कार्यालय में बैठकर कामकाज निपटाने के बजाय क्लीनिक खोलकर लोगों का इलाज कर रहे हैं। ऐसा कर शासन को तो लाखों रुपये महीने का चूना लगा ही रहे हैं और इलाज के चलते लोगों की जानमाल के साथ भी खेल रहे हैं। बीईओ के इलाज करने की सनक किसी दिन ग्रामीणों और खुद को भारी ना पड़ जाए।
मामला सक्ती जिले के डभरा विकासखंड का है। श्यामलाल वारे विकासखंड शिक्षा अधिकारी BEO के पद पर पदस्थ हैं। उनकी रुचि शिक्षा व्यवस्था को पटरी में लाने की बजाय निजी क्लीनिक चलाने में ज्यादा दिख रही है। बिना रजिस्ट्रेशन वह अपने आवास में निजी क्लीनिक का संचालन कर रहे हैं। घर में क्लीनिक चलाने के लिए उन्होंने कोई वैध रजिस्ट्रेशन भी नहीं करवाया है। बिना रजिस्ट्रेशन और डिग्री के ही क्लीनिक खोलकर बेधड़क इलाज कर रहे हैं।
मिली जानकारी के अनुसार बीईओ श्याम लाल वारे के पास कोई चिकित्सा शिक्षा से जुड़ी कोई डिग्री भी नहीं है। उसके बावजूद वे अस्पताल खोलकर इलाज कर रहे हैं। घर में क्लीनिक चलाने की जानकारी भी उन्होंने अपने विभाग के अधिकारियों को नहीं दी है। ऐसे में उनके कार्यक्षेत्र के अंदर आने वाले स्कूलों का मैनेजमेंट भगवान भरोसे दिखाई पड़ रहा है।