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रायपुर/ 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में सतनामी समाज के गुरु बालदास कांग्रेस की ओर से चुनावी मैदान में थे। उऩ्होंने कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाकर 10 एससी सीटों में से सात सीटें कांग्रेस के खाते में डालने में अहम भूमिका निभाई थी लेकिन लंबे समय से कांग्रेस से नाराज चल रहे गुरु बालदास एक-दो दिन के भीतर भाजपा प्रवेश करने जा रहे हैं। बालदास के इस फैसले से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। वहीं कोंडागांव के पूर्व कलेक्टर नीलकंठ टेकाम भी भाजपा में शामिल होने वाले हैं।
विधानसभा चुनाव के ठीक पहले 2018 में अपने पुत्र सुखवंत साहेब के साथ गुरुबाल दास ने कांग्रेस प्रवेश किया था। लेकिन सरकार बनने के बाद से गुरु बालदास और कांग्रेस के बीच पहले जैसा नहीं रह गया इसलिए समाज के बड़े नेता और धर्मगुरू के भाजपा प्रवेश को लेकर लंबे समय से अटकलें लगाई जा रही थी। दरअसल छत्तीसगढ़ में विधानसभा की 10 सीटें एससी वर्ग के लिए आरक्षित हैं। इनमें से 7 पर कांग्रेस, दो में भाजपा और एक सीट पर बसपा के विधायक हैं।
नौकरी छोड़ राजनीति में आए टेकाम
कोंडागांव जिले के पूर्व कलेक्टर नीलकंठ टेकाम बीजेपी में शामिल होंगे। राजनीति में आने के लिए उन्होंने वीआरएस लिया है। टेकाम बस्तर में कांकेर जिले के अंतागढ़ सरईपारा के रहने वाले हैं। उनकी स्कूली शिक्षा भी हुई है। 1994 में उन्होंने मध्यप्रदेश लोकसेवा परीक्षा पास की और एसटी वर्ग में टॉपर रहे।
जगदलपुर में करीब 6 साल एसडीएम से लेकर अपर कलेक्टर रहे। वे छात्र राजनीति में सक्रिय रहे। अविभाजित मध्यप्रदेश के समय उन्होंने चुनाव लड़ने के लिए इस्तीफा दे दिया था, तब वे बड़वानी जिले में एसडीएम थे। निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन भी दाखिल कर दिया था लेकिन फिर नामांकन वापस लेना पड़ा और वे वे नौकरी में बने रहे।
5 राज्यों के 57 विधायकों ने विधानसभाओं में संभाला मोर्चा
देश के पांच राज्यों के 57 भाजपा विधायकों को सोमवार को प्रदेश कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे में ट्रेनिंग दिया गया। बिहार, झारखंड, ओड़सा, असम और पश्चिम बंगाल से आए इन विधायकों को कर्नाटक से आए कार्यक्रम संयोजक अभय पाटिल ने ट्रेनिंग दी। ट्रेनिंग के बाद ये विधायक तय विधानसभाओं के लिए निकल गए। इस अवसर पर क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल, प्रदेश अध्यक्ष अरूण साव, नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल, संगठन महामंत्री पवन साय भी मौजूद रहे।
दरअसल, भाजपा प्रदेश के सभी 90 विधानसभाओं में बूथ, मंडल, शक्ति केंद्र और विधानसभा स्तर पर पार्टी की स्थिति की पड़ताल करने के लिए इन विधायकों की विधानसभाओं में तैनाती कर रही है। इनके लिए 18 बिंदुओं का एक्शन प्लान बना है। ये सभी विधायक आठ दिनों तक 13 बिंदुओं पर विधानसभा स्तर पर और पांच बिंदुओं पर बूथ, शक्ति केंद्र और मंडल पर काम करेंगे।
विवादों से भी नाता रहा बालदास का
सतनामी समाज में प्रभाव रखने वाले गुरु बालदास का विवादों से भी पुराना नाता है। सतनामी समाज के मुखिया के तौर पर उनका पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के साथ उनकी तल्खी रहती थी। 2014 में उनपर आरंग के मोहमेला गांव के लोगों ने उनपर रेत माफियाओं के साथ मिले होने का आरोप लगाया था।
सतनाम सेना से हारे थे दिग्गज
गुरू बालदास ने 2013 में सतनाम सेना के प्रत्याशी उतारे थे। इसके कारण कांग्रेस केवल मस्तूरी ही जीत पाई थी और भाजपा का नौ सीटों पर कब्जा हुआ था। इसके कारण कांग्रेस के वरिष्ठ नेता साजा से रविंद्र चौबे, कवर्धा से मोहम्मद अकबर, राजिम से अमितेश शुक्ल, लोरमी से धर्मजीत सिंह चुनाव हार गए थे। सतनामी समाज के एक और गुरु रुद्र कुमार पहले से कांग्रेस में हैं वे वर्तमान में अहिवारा से विधायक हैं।