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रायपुर// राजधानी रायपुर स्थित मेकाहारा अस्पताल में रविवार को एक पत्रकार के साथ बाउंसरों द्वारा की गई धक्का-मुक्की और बदसलूकी ने राज्यभर के पत्रकारों में आक्रोश भड़का दिया है। पत्रकार उरला की चाकूबाजी की घटना पर रिपोर्टिंग करने पहुंचा था, तभी अस्पताल की सुरक्षा में तैनात निजी बाउंसरों ने उसे जबरन रोका, अपशब्द कहे और धक्का देकर बाहर कर दिया। यह पूरी घटना अस्पताल परिसर के सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है।
इस घटना को लेकर पत्रकार संगठनों ने तीखा विरोध जताया है। उनका कहना है कि प्रेस की स्वतंत्रता पर यह सीधा हमला है। सवाल उठ रहा है कि क्या बाउंसरों को मीडिया को रोकने का अधिकार है? क्या उनकी पृष्ठभूमि की कोई जांच होती है?
हैरानी की बात यह रही कि अस्पताल प्रशासन ने न तो बाउंसरों की निंदा की, न ही उनके खिलाफ कार्रवाई की। उल्टे, पुलिस बल को पत्रकारों की विरोध रैली रोकने के लिए तैनात कर दिया गया। शहर के अन्य निजी बाउंसरों को भी अस्पताल के बाहर जमा किया गया, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया।
इस घटना ने अस्पताल प्रशासन, पुलिस की भूमिका और लोकतंत्र की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पत्रकार संगठनों ने दोषियों पर एफआईआर दर्ज करने, बाउंसरों को बर्खास्त करने और पत्रकारों को सुरक्षा देने की मांग की है।