मोटू पतलू बिजनेस का साइड इफेक्ट : किराए का शिक्षक रखकर नेटवर्क मार्केटिंग में शामिल शिक्षक निलंबित, जांच के बाद एक्शन..

शेयर करें...

सारंगढ़ – बिलाईगढ़// छत्तीसगढ़ के स्कूलों में पढ़ाने वाले कुछ शिक्षक अब ब्लैकबोर्ड छोड़ नेटवर्क मार्केटिंग का बोर्ड थाम चुके हैं। हर्बल लाइफ नामक कंपनी के नेटवर्क से जुड़कर मोटी कमाई कर रहे शिक्षकों के खिलाफ अब शिक्षा विभाग ने सख्ती दिखानी शुरू कर दी है। इसी कड़ी में सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में एक शिक्षक को निलंबित कर दिया गया है, जिसने अपने स्थान पर एक किराए का शिक्षक रखकर खुद हर्बल लाइफ का प्रचार-प्रसार करना शुरू कर दिया था।

Join WhatsApp Group Click Here

सारंगढ़ विकासखंड के शासकीय प्राथमिक शाला अमझर में पदस्थ सहायक शिक्षक एलबी सुनील कुमार बंजारे पर आरोप है कि वे शाला समय में उपस्थित नहीं रहते थे, स्कूल की जिम्मेदारी निभाने के लिए उन्होंने एक बाहरी व्यक्ति को 2000 रुपये मासिक पर किराए का शिक्षक बनाकर रखा था। इतना ही नहीं, वे हर्बल लाइफ के प्रचार के लिए विदेश यात्रा तक कर चुके हैं। विभागीय जांच में यह सब प्रमाणित होने पर उन्हें निलंबित कर दिया गया है।

नौकर माइंडसेट छोड़ मालिक माइंडसेट का दौर

हर्बल लाइफ और अन्य नेटवर्क मार्केटिंग कंपनियों से जुड़े कई शिक्षक अब नौकरी छोड़ बिजनेस की ओर बढ़ रहे हैं। हाल ही में कुछ शिक्षकों ने त्यागपत्र देकर विभाग को पत्र लिखे हैं, जिसमें उन्होंने नौकर माइंडसेट छोड़ मालिक माइंडसेट के साथ काम करने की बात कही है। बिलासपुर संभाग के संयुक्त संचालक ने इस ट्रेंड पर संज्ञान लेते हुए सभी जिलों के डीईओ को ऐसे शिक्षकों की जांच कर रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए हैं। वहीं संभागीय संचालक द्वारा भेजे गए पत्र में साफ कहा गया है कि जो शिक्षक नेटवर्क मार्केटिंग में लिप्त हैं, उनकी जांच कर प्रमाण सहित जानकारी उपलब्ध कराई जाए। विभागीय स्तर पर ऐसे शिक्षकों पर कार्रवाई की जाएगी।

मोटू-पतलु बिजनेस बना मजाक का कारण

शिक्षक समुदाय में हर्बल लाइफ को मोटू-पतलु बिजनेस के नाम से जाना जाने लगा है। दरअसल, कंपनी का मुख्य उत्पाद वजन घटाने और बढ़ाने का दावा करता है, लेकिन मजे की बात यह है कि दोनों ही स्थितियों में एक ही पाउडर का उपयोग कराया जाता है। पतले लोगों को सिर्फ पाउडर दिया जाता है और भोजन से रोका जाता है, जबकि मोटा बनने वालों को पाउडर के साथ भरपूर भोजन की सलाह दी जाती है। शिक्षा विभाग को लगातार शिकायतें मिल रही हैं कि कई शिक्षक शाला अवधि में ऑनलाइन मीटिंग, नेटवर्किंग ट्रेनिंग और निजी सेमिनार में शामिल हो रहे हैं। कुछ ने तो छात्रों से भी प्रचार में मदद लेना शुरू कर दिया है। इन शिक्षकों की हाईटेक लाइफ, महंगी गाड़ियां और विदेश यात्राओं की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं।

त्यागपत्र में भी विवादास्पद बातें

हर्बल लाइफ से जुड़े कुछ शिक्षकों जैसे ज्ञान सिंह, शशि कुमार बैरागी, रघुराम पैंकरा के त्यागपत्र में विवादास्पद बातें लिखी गई हैं। एक त्यागपत्र में लिखा गया है कि “सरकारी नौकरी में रचनात्मकता मर जाती है, अब मैं अपना भविष्य मालिक बनकर संवारना चाहता हूं।” ऐसे पत्रों के बाद विभाग और समाज में इन शिक्षकों की भूमिका को लेकर बहस छिड़ गई है।

Scroll to Top