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गौरेला-पेंड्रा-मरवाही// छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री स्वर्गीय अजीत जोगी की प्रतिमा को गौरेला के ज्योतिपुर चौक से चोरी-छिपे हटाए जाने के बाद विवाद गहराता जा रहा है। रविवार रात को प्रतिमा को तोड़कर अपमानजनक ढंग से हटाया गया और उसे नगरपालिका परिसर के पास एक गंदी जगह पर फेंक दिया गया। इस घटना को लेकर क्षेत्र में भारी आक्रोश व्याप्त है। इस बीच अजीत जोगी के पुत्र और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के नेता अमित जोगी खुद मौके पर पहुंचे और धरने पर बैठ गए है।
अमित जोगी ने X पोस्ट में बताया, गोरेला के ज्योतिपुर चौक से छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री माननीय अजीत जोगी जी की प्रतिमा को रात के अंधेरे में चोरी-छिपे उखाड़कर कचरे में फेंकने का जो नीच कृत्य हुआ, इससे पूरे क्षेत्रवासी आहत, दुखी और आक्रोशित है। इस घटना ने यह प्रमाणित कर दिया है कि राज्य में “दुशासन” निडर होकर अपराध करता है और “सुशासन” सरकारी फ़ाइलों और पेपर ऐड में सिमटा बैठा है । चौक से मूर्ति उखाड़ कर कचरे में फेंक दी जाती है और शासन-प्रशासन को भनक तक नहीं लगी । राज्य में “सुशासन तिहार नहीं बल्कि सुशासन बीमार” चल रहा है। क्षेत्र के लोग इस घटना से आहत हो कर सड़क पर उतर आए हैं, जब तक ससम्मान, माननीय अजीत जोगी जी की प्रतिमा को पुनः स्थापित नहीं किया जाता और दोषियों को नहीं पकड़ा जाता तब तक मैं आमरण अनशन करूँगा । “या तो जोगी जी की मूर्ति लगेगी या मेरी अर्थी उठेगी” ये अब सरकार को तय करना है।
इस बीच, थाना प्रभारी नवीन बोरकर ने बताया कि जिस वाहन से मूर्ति हटाई गई, उसकी पहचान सीसीटीवी फुटेज के आधार पर कर ली गई है। मामले में एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया चल रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
अजीत जोगी की मूर्ति हटाए जाने का CCTV फुटेज आया सामने
ज्योतिपुर चौक में स्थापित स्वर्गीय अजीत जोगी की मूर्ति हटाए जाने का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है। एक मोबाइल दुकान में लगे कैमरे में यह घटना साफ तौर पर रिकॉर्ड हुई है। फुटेज में देखा जा सकता है कि आधी रात के बाद एक बड़ा वाहन मूर्ति को हटाता है। हैरानी की बात यह है कि उस वक्त घटनास्थल के आसपास कोई भी व्यक्ति नजर नहीं आ रहा, जिससे यह संदेह और गहराता है कि पूरी कार्रवाई योजनाबद्ध तरीके से की गई।