CBI अफसर बनकर 23 लाख की महाठगी : रिटायर्ड टीचर बने साइबर जालसाजों के शिकार, मनी लॉन्ड्रिंग’ का नाम लेकर लूटी गई जीवन भर की कमाई..

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रायगढ़// छत्तीसगढ़ में साइबर ठगों का जाल इस कदर फैल चुका है कि अब वे प्रतिष्ठित केंद्रीय जांच एजेंसियों के नाम का दुरुपयोग कर आम नागरिकों को निशाना बना रहे हैं। रायगढ़ जिले के पुसौर थाना क्षेत्र में एक सेवानिवृत्त शिक्षक के साथ 23 लाख 28 हज़ार 770 रुपए की बड़ी ठगी का मामला सामने आया है। ठगों ने खुद को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) का अधिकारी बताकर ‘मनी लॉन्ड्रिंग’ में फंसाने का डर दिखाया और पीड़ित से किस्तों में सारी जमा पूंजी ऐंठ ली।

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कैसे फंसाया गया शिक्षक को?

पुसौर के ग्राम जतरी निवासी 72 वर्षीय गरुड़ सिंह पटेल, जो शिक्षा विभाग से रिटायर्ड हुए हैं, उन्हें 10 अक्टूबर को एक अज्ञात नंबर से कॉल आया। कॉल करने वाले शातिर ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताया और पटेल को विश्वास दिलाया कि उनका नाम मनी लॉन्ड्रिंग के एक गंभीर मामले में सामने आया है और मुंबई में उनके नाम पर एक ‘अवैध’ बैंक खाता खोला गया है। ठग ने डर पैदा करते हुए कहा कि अगर उन्होंने ‘जांच’ में सहयोग नहीं किया और किसी को इसकी जानकारी दी, तो उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इस दबाव के बीच, ठग ने पीड़ित को उनकी पूरी बैंक जमा राशि को ‘जांच’ के लिए बताए गए अलग-अलग खातों में UPI, Paytm और RTGS के माध्यम से ट्रांसफर करने का निर्देश दिया। साथ ही, यह झूठा भरोसा भी दिया कि जांच पूरी होते ही पूरी रकम वापस कर दी जाएगी।

12 किस्तों में लूटी गई जीवन भर की कमाई

बुजुर्ग शिक्षक, ठगों के झांसे में आकर 10 अक्टूबर से 29 अक्टूबर के बीच, कुल 12 अलग-अलग किस्तों में 23,28,770 रुपए उनके बताए गए खातों में जमा करते रहे। ठग लगातार वॉट्सऐप मैसेज के जरिए खुद को सीबीआई अधिकारी साबित करता रहा और गिरफ्तारी की धमकी देता रहा।

बेटे को जानकारी देने के बाद खुला राज

30 अक्टूबर को जब गरुड़ सिंह पटेल को संदेह हुआ, तब उन्होंने अपने बेटे सुदर्शन सिंह पटेल (जो जशपुर के बगीचा में शिक्षा विभाग में पदस्थ हैं) को मोबाइल पर पूरी बात बताई। बेटे को तुरंत समझ आ गया कि उनके पिता साइबर ठगी का शिकार हुए हैं।

पुलिस ने शुरू की जांच

तत्काल कार्रवाई करते हुए सुदर्शन सिंह ने साइबर विभाग में शिकायत दर्ज कराई, वहीं गरुड़ सिंह पटेल ने पुसौर थाने में अज्ञात आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 66D-LCG (साइबर फ्रॉड) और 318(4)-BNS (धोखाधड़ी) के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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