कलेक्टर डॉ कन्नौजे ने स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से योजनाओं का पूरा लाभ देने के निर्देश दिए, स्वास्थ्य विभाग की सेक्टर मीटिंग में शामिल हुए कलेक्टर डॉ. संजय कन्नौजे..

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सारंगढ़–बिलाईगढ़// जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त, पारदर्शी और जनहितकारी बनाने के उद्देश्य से शनिवार को कलेक्टर डॉ. संजय कन्नौजे सारंगढ़ ब्लॉक के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र हिर्री पहुंचे, जहां उनकी अध्यक्षता में जिला स्वास्थ्य विभाग की सेक्टर मीटिंग सम्पन्न हुई। बैठक में डॉ. दीपक जायसवाल प्रभारी सीएमएचओ सह सिविल सर्जन, उमेश साहू प्रभारी स्वास्थ्य विभाग सह डिप्टी कलेक्टर, डॉ. आर एल सिदार बीएमओ सहित जिले के सभी पीएचसी स्टाफ एवं ब्लॉक स्तर के अधिकारी उपस्थित रहे।

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कलेक्टर डॉ. कन्नौजे ने कहा कि राज्य एवं केंद्र शासन द्वारा संचालित योजनाएँ जनकल्याण का सशक्त माध्यम हैं। इनका लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुँचना हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी रिपोर्टें समय पर पोर्टल पर अपलोड करें, फील्ड स्तर पर कार्य की गुणवत्ता बनाए रखें तथा सेवा वितरण में पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित करें।कलेक्टर ने कहा कि शासन की योजनाओं का सफल क्रियान्वयन तभी संभव है जब सभी अधिकारी और कर्मचारी पूर्ण निष्ठा, जिम्मेदारी और संवेदनशीलता के साथ कार्य करें।

उन्होंने जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था को उत्कृष्ट और जनकेंद्रित बनाने के लिए निरंतर प्रयास करने का आह्वान किया। बहरहाल, शासन की जनहितकारी योजनाओं के प्रति कलेक्टर की सक्रियता से जिले में स्वास्थ्य सेवाओं में नई गति और मजबूती आएगी।

विभिन्न विषयों पर हुई चर्चा और तैयार की गई रणनीति

बैठक में प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना, मिशन पोषण, टीकाकरण अभियान, एनडीईपी (राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम), प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान और आयुष्मान आरोग्य मंदिरों जैसी शासन की महत्वाकांक्षी योजनाओं पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। साथ ही आधार बेस अटेंडेंस एवं वय वंदन कार्ड संलग्नता की समीक्षा, टीकाकरण और एनडीईपी कार्यक्रम की प्रगति पर चर्चा, बालिका छात्रावास एवं आश्रमों में स्वास्थ्य जांच की रूपरेखा, जनजागरूकता शिविर एवं स्वास्थ्य मेलों के आयोजन की समीक्षा, आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में गुणवत्ता आधारित सेवाओं को और बेहतर करने के निर्देश, प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं की पहचान एवं समय पर उपचार की अनिवार्यता पर विशेष जोर, ताकि मातृ मृत्यु दर में प्रभावी कमी लाई जा सके, इन विषयों पर भी अच्छा कार्य करने के लिए रणनीति तैयार की गई।

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