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सारंगढ़ बिलाईगढ़// जिले के सरिया तहसील अंतर्गत महानदी के तटवर्ती गांव पोरथ में आज कलेक्टर डॉ संजय कन्नौजे के मार्गदर्शन में बाढ़ आपदा बचाव कार्य का मॉकड्रिल किया गया। यहां महानदी में बाढ़ आने पर आवश्यक सुरक्षा प्रोटोकॉल्स के साथ फंसे हुए लोगों के बचाव का अभ्यास किया गया। इस दौरान चिकित्सीय सहायता के लिए मेडिकल टीम तैनात रखी गई थी।

मॉक ड्रिल के दौरान बाढ़ आने पर टापू में फंसे लोगों को मोटर बोट की सहायता से सुरक्षित बाहर निकालने, डूब रहे लोगों को बचाने, इस दौरान किसी प्रकार की मेडिकल इमरजेंसी में प्राथमिक उपचार और जीवन रक्षक प्रक्रियाओं के पालन का अभ्यास निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार किया गया। मॉक ड्रिल में नगर सेना के जिला आपदा राहत बल ने राजस्व, पुलिस, स्वास्थ्य, पीडब्ल्यूडी, विद्युत, खाद्य विभाग सहित अन्य प्रशासनिक अमलों के साथ मॉक ड्रिल में हिस्सा लिया। इस दौरान मोटर बोट में तैनात तैराक, चिकित्सीय सहायता में लिए डॉक्टर्स और एम्बुलेंस की टीम, सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस के जवान और अन्य जरूरी इंतजामों के लिए संबंधित प्रशासनिक टीम मौके पर मौजूद रही।
मॉक ड्रिल के दौरान बाढ़ आपदा राहत के नोडल अधिकारी अपर कलेक्टर एस के टंडन, जनपद सीईओ बरमकेला अजय कुमार पटेल, खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ अवधेश पाणीग्राही, तहसीलदार पुष्पेंद्र राज, तहसीलदार कोमल साहू, नायब तहसीलदार मोहन साहू, चिकित्सा अधिकारी डॉ ऋषभ शर्मा, थाना प्रभारी ए के बेक, थाना सरिया और बरमकेला के पुलिसकर्मी, राजस्व और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी मौजूद रहे।

यह अभ्यास राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, गृह मंत्रालय, भारत सरकार, छत्तीसगढ़ राज्य आपदा प्राधिकरण, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किया गया। इस दौरान गांवों के जलमग्न होने जैसी आपदा परिस्थितियों में नियंत्रण कक्ष के संचालन, आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता, राहत शिविरों की पहचान, आपातकालीन सहायता स्थल, स्वास्थ्य केंद्र, अन्य निकासी मार्ग, खोज एवं बचाव, नुकसान का आकलन तथा राहत एवं पुनर्वास जैसे महत्वपूर्ण विषयों के लिए जिला प्रशासन द्वारा उठाए जाने वाले कदमों का अभ्यास किया गया। मॉक ड्रिल के दौरान ग्रामवासी विशेष रूप से उपस्थित रहे जिन्हें बाढ़ राहत के दौरान रखी जाने वाली सावधानियों के बारे में बताया गया।
टीमों के बेहतर समन्वय के लिए किया गया अभ्यास
बाढ़ आपदा के दौरान राहत एवं बचाव कार्यों में कई टीमें एक साथ काम करती है। ऐसे चुनौतीपूर्ण समय में सभी टीमों के बीच जरूरी समन्वय और सूचनाओं के सही और सामयिक आदान प्रदान से लोगों की सहायता और जीवन रक्षा आसान हो जाती है। इसी उद्देश्य से यह मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इसमें नदी के तटवर्ती इलाकों को खाली कराया जाता है। इस दौरान नदी में मछली पकडऩे या अन्य किसी कारण से गए लोगों के फंसने की संभावना होती है। ऐसी घटनाओं में लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए बाढ़ आपदा बचाव के दौरान आने वाली परिस्थितियों को निर्मित कर उस दौरान अपनाए जाने वाले उपायों का अभ्यास किया जाता है।
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