शेयर करें...
सारंगढ़-बिलाईगढ़// एक तरफ सरकार गांव-गांव तक विकास योजनाएं पहुंचाने का दावा करती है, वहीं दूसरी ओर जिले का एक गांव आज भी सड़क जैसी बुनियादी सुविधा से वंचित है। बरमकेला विकासखंड के ग्राम पंचायत परधियापाली का आश्रित गांव भालूपानी आजादी के सात दशक बाद भी पक्की सड़क का इंतजार कर रहा है।

मरीजों को कंधे पर उठाकर ले जाना पड़ता है
भालूपानी के लोगों की सबसे बड़ी परेशानी सड़क न होना है। यहां बीमार या घायल व्यक्ति को आज भी परिजन और ग्रामीण कंधे पर डंडों के सहारे उठाकर अस्पताल तक ले जाने को मजबूर हैं। बारिश के दिनों में हालात और भी बिगड़ जाते हैं।
बोझा ढोने को मजबूर ग्रामीण
सड़क के अभाव में ग्रामीणों को रोजमर्रा का सामान पीठ पर उठाकर लाना-ले जाना पड़ता है। कई बार तो हादसे भी हो जाते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अब तक सरकार और प्रशासन से केवल वादे ही मिले हैं, सड़क अब तक नहीं।
चुनावी वादों से ठगा महसूस कर रहे लोग
ग्रामीणों ने बताया कि हर चुनाव में उम्मीदवार सड़क बनाने का वादा करते हैं, लेकिन जीतने के बाद कोई नेता पलटकर नहीं आता। अब स्थानीय प्रतिनिधियों की नीयत पर भी सवाल उठने लगे हैं और लोगों का प्रशासन पर भरोसा कमजोर पड़ रहा है।
जनपद सीईओ का बयान
भालूपानी की समस्या पर जब जनपद सीईओ अजय पटेल से फोन पर बात की गई तो उन्होंने कहा, “आपके माध्यम से मुझे जानकारी मिली है। मैं स्थानीय जनप्रतिनिधियों और पंचायत कर्मियों से बात कर इस मामले को प्राथमिकता में रखूंगा।”
You must be logged in to post a comment.