मारोदरहा उप सरपंच चुनाव विवाद : शिकायतकर्ता पर केस वापस लेने का दबाव, जान से मारने की धमकी तक पहुँचा मामला, थाना में हुई छीना झपटी..

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सारंगढ़-बिलाईगढ़// बरमकेला जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत मारोदरहा के बहुचर्चित उप सरपंच चुनाव को लेकर शुरू हुआ विवाद अब खतरनाक मोड़ पर पहुँच गया है। उप सरपंच दिनेश डनसेना के खिलाफ चल रहे मामले में शिकायतकर्ता को लगातार धमकियाँ दी जा रही हैं और केस वापस लेने के लिए दबाव बनाया जा रहा है।

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SDM कोर्ट में मामला लंबित

जानकारी के अनुसार, उप सरपंच दिनेश डनसेना पर चुनाव के दौरान धनबल का उपयोग कर जीत हासिल करने का आरोप लगाया गया है। शिकायतकर्ता विद्याधर बरिहा ने किए गए शिकायत में आरोप लगाया था कि चुनाव जीतने के लिए 8 पंचों को 1-1 प्लैटिना बाइक दिया गया था और धार्मिक स्थलों का भ्रमण भी करवाया गया था, जिस पर सुनवाई एसडीएम कोर्ट में जारी है।

रास्ते में घेरकर धमकी

शिकायतकर्ता विद्याधर ने बताया कि गुरुवार को वे इसी मामले की पेशी में शामिल होने बरमकेला पहुँचे थे। इस दौरान उप सरपंच और उनके साथियों ने उनका पीछा किया और रास्ते में घेर लिया। आरोप है कि उन्होंने शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया, जान से मारने की धमकी दी और खाली कागजों पर जबरन हस्ताक्षर करवा लिए।

थाने तक पीछा, पुलिस के सामने छीना-झपटी

घटना से भयभीत होकर विद्याधर बरिहा अपने सहयोगी खितीभूषण पटेल के साथ अगले दिन बरमकेला थाना पहुँचे। लेकिन यहां भी उप सरपंच और उनकी टीम ने पीछा किया और थाने के भीतर ही उनके साथ छीना-झपटी की। यह घटना पुलिस की मौजूदगी में हुई, जिससे शिकायतकर्ता की सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।

उपसरपंच सहित 13 लोगों के खिलाफ शिकायत

विद्याधर बरिहा और उनके सहयोगी खितीभूषण ने इस मामले की लिखित शिकायत थाना बरमकेला में दर्ज कराई है। इसमें सरपंच पति टेकलाल सिदार, उप सरपंच दिनेश डनसेना, शक्राजीत साहू, गंधर्वी चौहान, जगदीश डनसेना, तेजकुमार डनसेना, मालिकराम साहू, संजय सिदार, संतोष साहू, बलभद्र पटेल, अशोक पटेल, लोचन बरिहा समेत कुल 13 लोगों को नामजद किया गया है।

डर के साए में शिकायतकर्ता

विद्याधर बरिहा ने बताया कि उन्हें लगातार धमकियाँ मिल रही हैं और इस कारण वे भय के माहौल में जी रहे हैं। उनका कहना है कि यदि समय रहते प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई नहीं की तो उनकी जान को गंभीर खतरा हो सकता है।

पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल

उप सरपंच और उनके समर्थकों के हौसले इतने बुलंद हैं कि कोर्ट परिसर से लेकर थाना परिसर तक खुलेआम दबंगई की जा रही है। आखिर उन्हें ऐसा कौन सा संरक्षण मिला है कि वे न तो कानून से डर रहे हैं और न ही प्रशासन से। थाना परिसर में भी हुज्जतबाजी करना, वह भी पुलिस के सामने, साफ तौर पर पुलिस की निष्क्रियता और लापरवाही को उजागर करता है। फिलहाल सोचने वाली बात यह है कि अब इस केस में अब आगे क्या होता है??

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