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छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में एक ही दिन तीन अलग-अलग घटनाओं में नवजात शिशुओं की मौत ने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया है। इन दर्दनाक घटनाओं ने न केवल पुलिस-प्रशासन को अलर्ट कर दिया है, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं और सामाजिक जिम्मेदारी पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
पहली घटना- भ्रूण पुल के नीचे मिला
कोतवाली थाना अंतर्गत हसदेव पुल के पास एक थैली में नवजात भ्रूण मिलने से सनसनी फैल गई। राहगीरों ने पुलिस को सूचना दी। जांच में उसी स्थान से एक डायग्नोसिस सेंटर की थैली भी मिली है, जिसके आधार पर पुलिस अब जांच में जुटी हुई है। वार्ड नंबर 2 के पार्षद ईश्वर पटेल ने बताया कि इस क्षेत्र में भ्रूण मिलने की यह तीसरी घटना है, जिससे बस्तीवासियों में भारी आक्रोश है।
दूसरी घटना- नाबालिग ने दिया जन्म, नवजात की मौत
टीपी नगर स्थित एक निजी अस्पताल में नाबालिग लड़की ने शिशु को जन्म दिया, लेकिन जन्म के कुछ देर बाद ही उसकी मौत हो गई। इस मामले ने नर्सिंग एक्ट के उल्लंघन और निजी अस्पताल की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सीएसपी भूषण एक्का ने पुष्टि की कि मामले की रिपोर्ट दर्ज की गई है और पुलिस जांच कर रही है।
तीसरी घटना- अविवाहित युवती का दर्दनाक सच
मोरगा चौकी क्षेत्र की एक अविवाहित युवती, जो कोरबा में कोचिंग की तैयारी के लिए रह रही थी। उसने जिला अस्पताल में शिशु को जन्म दिया। लेकिन नवजात ने जन्म के तुरंत बाद दम तोड़ दिया। युवती ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि एक युवक ने शादी का झांसा देकर उसका शारीरिक शोषण किया, जिसके कारण वह गर्भवती हुई।
इन तीनों घटनाओं ने शहर में गहरी चिंता और आक्रोश पैदा कर दिया है। एक ओर नवजात शिशुओं की मौतें स्वास्थ्य व्यवस्था और समाज की संवेदनहीनता को उजागर करती हैं। वहीं नाबालिग और अविवाहित लड़कियों से जुड़े मामले कानून और सुरक्षा तंत्र की पोल खोलते हैं।