गृहमंत्री के गृह जिले के कलेक्टर गोपाल वर्मा ने मांगी सुरक्षा, कानून-व्यवस्था पर उठे गंभीर सवाल..

शेयर करें...

कबीरधाम// कबीरधाम जिले में कलेक्टर गोपाल वर्मा ने अपने बंगले पर हुए प्रदर्शन के बाद एसपी से सुरक्षा की मांग की है। कलेक्टर ने खुद को असुरक्षित बताया है। गृहमंत्री के गृह जिले में कलेक्टर की सुरक्षा पर उठे सवाल अब प्रदेश की राजनीति और प्रशासन में हलचल मच गई है।

Join WhatsApp Group Click Here

कांग्रेसी नेता ने किया था प्रदर्शन
मिली जानकारी के मुताबिक 19 मई और 15 अगस्त की रात कलेक्टर बंगले पर कांग्रेस नेता तुकाराम चंद्रवंशी अपने साथियों के साथ पहुंचे थे। रात करीब ढाई बजे हुए इस प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने प्रशासनिक लापरवाही को लेकर नाराजगी जताई। प्रदर्शन की वजह थी – बिजली आपूर्ति बाधित होना और दुर्घटनाओं में घायल जानवरों का सही इलाज न मिलना।

दरअसल जो घटना घटी उसके मुताबिक 15 अगस्त को आंधी-पानी के दौरान हुई, जब बिजली गिरने से तीन बंदरों की मौत हो गई और दो गंभीर रूप से घायल हो गए। घायल बंदरों को वेटनरी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था। फोन करने पर डॉक्टर का मोबाइल बंद मिला। यही हाल तहसीलदार और एसडीएम का भी रहा। कलेक्टर उस समय कवर्धा में मौजूद नहीं थे। इससे नाराज लोगों ने घायल बंदर को लेकर रात डेढ़ बजे कलेक्टर बंगले का घेराव कर दिया और वहीं धरने पर बैठ गए।

इस प्रदर्शन का वीडियो भी बनाया गया, जिसमें कलेक्टर और प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल उठाए गए। घटना की जानकारी पुलिस को मिली तो देर रात पेट्रोलिंग पार्टी मौके पर पहुंची और घायल बंदर को डॉक्टर के घर ले जाकर उपचार कराया गया।

कलेक्टर ने पुलिसिंग व्यवस्था पर उठाया सवाल
कलेक्टर गोपाल वर्मा ने इस घटना को गंभीर मानते हुए एसपी को लिखे पत्र में सवाल किया है कि “जब रात में प्रदर्शन हो रहा था, तब पुलिस की पेट्रोलिंग पार्टी कहां थी?” उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था की कमी को गंभीर त्रुटि बताया और बंगले के आसपास अतिरिक्त सुरक्षा की मांग की है।

कलेक्टर का यह पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिससे प्रशासनिक हलकों में हलचल मच गई है। इस वाकये के बाद जहां एक ओर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल उठाये जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर यह चर्चा भी हो रही है कि जिले के कलेक्टर और एसपी के बीच तालमेल की कमी है। अक्सर जिलों में दो सबसे प्रमुख अफसरों के बीच अगर सामंजस्य न हो तो इसका असर प्रशासनिक कामकाज पर भी पड़ता है। ऐसा ही कुछ गृहमत्री विजय शर्मा के गृह जिले में भी हो रहा है।

Scroll to Top