फर्जी कीटनाशक बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़ : झोपड़ी में बना ली नकली कीटनाशक फैक्ट्री, अधिकारियों को भनक तक नहीं

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बिलासपुर// शहर में किसानों को ठगने और कंपनियों को करोड़ों का चूना लगाने वाला नकली कीटनाशक कारोबार सामने आया है। मामला सरकंडा थाना क्षेत्र के अपोलो मोड़ का है, जहां एक कारोबारी नकली कीटनाशक दवाइयां बनाए जाने की शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत के आधार पर पुलिस ने जांच की तो नकली कीटनाशक के अवैध फैक्ट्री पर दबिश दी। पुलिस आरोपी कारोबारी से पूछताछ कर रही है।

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बिहार के मधुबनी में रहने वाले रंजीत सिंह प्रायसी डिफरेंश फोर्स इंडिया कंपनी में जांच अधिकारी हैं। उन्होंने पुलिस को बताया कि कंपनी को सूचना मिल रही थी कि बिलासपुर और आसपास के जिलों में इंड्रोफिल कंपनी के नकली कीटनाशक की बिक्री हो रही है। इससे कंपनी को नुकसान हो रहा है। इसके अलावा किसानों को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है।

जांच अधिकारी ने शहर आकर मामले की जानकारी जुटाई। तब पता चला कि लिंगियाडीह अपोलो मोड़ के पास रहने वाला रवि सोनी झोपड़ीनुमा मकान को नकली कीटनाशक बनाने वाली फैक्ट्री के रूप में इस्तेमाल कर रहा है। वह केमिकल घोलकर नकली कीटनाशक बनाता था। इससे कंपनी के मिलते जुलते डिब्बों में भरकर कंपनी का नकली लेबल लगा देता था।

इस नकली उत्पाद को वह बाजार में कम दाम पर बेच रहा था। उसने आसपास के जिले में भी नकली कीटनाशक की सप्लाई की थी। इससे ना सिर्फ कंपनी को नुकसान हो रहा था, बल्कि किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा था। कंपनी के अधिकारी की शिकायत पर सरकंडा पुलिस की टीम ने मौके पर दबिश देकर नकली कीटनाशक को जब्त कर लिया है। आरोपित के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।

किसानों को हो रही दोहरी क्षति
फसल को कीट से होने वाली बर्बादी से बचाने के लिए किसान कीटनाशक का सहारा लेते हैं। इसके लिए किसान मोटी रकम खर्च करते हैं। नकली कीटनाशक के चलते वे अपनी फसल को कीट से नहीं बचा पाते। इससे दवा खरीदने के लिए उनकी जमापूंजी और फसल की बर्बादी दोनों होती है। नकली खाद और कीटनाशक किसानों के लिए बर्बादी का कारण बनते हैं।

कृषि विभाग के अधिकारियों को नहीं लगी भनक
इधर कृषि विभाग के अधिकारियों को जिले में नकली कीटनाशक बिकने की भनक तक नहीं लग सकी है। शनिवार को कंपनी के अधिकारियों ने आकर नकली कीटनाशक की अवैध फैक्ट्री का भंडाफोड़ कर दिया। मामले में पुलिस में एफआइआर भी कराई गई। इधर कृषि विभाग इस पूरे मामले से बेखबर रहा। विभाग के आला अधिकारियों को इस मामले की भनक तक नहीं लग सकी। इधर पुलिस ने कापी राइट एक्ट के तहत आरोपी के खिलाफ कार्रवाई भी कर दी।

जिनकी जिम्मेदारी वे ही नहीं करते जांच
खाद और कीटनाशक समेत कृषि संबंधित अन्य दवाओं के विक्रय पर निगरानी के लिए कृषि विभाग के अधिकारी जिम्मेदार हैं। विभाग के अधिकारी दिखावे के लिए जांच करते हैं। बारिश शुरू होते ही विभाग के अधिकारियों ने दिखावे की कार्रवाई की थी। इसके बाद सब शांत हो गए। इधर शहर में ही नकली कीटनाशक बनाकर आसपास के जिलों तक में सप्लाई चल रही थी। जिसके कारण कई किसानों को नुकसान हुआ।

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