हाथी के हमले में मौत का मुआवजा लेने पहुंच गई पांच-पांच पत्नियां, सिर खुजा रहा वन विभाग..

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जशपुर// हाथी के हमले में ग्रामीण की मौत के बाद मुआवजा का मामला 5 पत्नियों के दावों के बीच उलझ गया है। मामले को सुलझाने के लिए पंचायत ने सभी महिलाओं से दस्तावेजी सबूत प्रस्तुत करने को कहा है।

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मामला जिले के पत्थलगांव रेंज के ग्राम पंचायत बालाझर का है। चिमटापानी बस्ती निवासी सालिक टोप्पो की हाथी के हमले में 25 जुलाई 2025 को मौत हो गई थी। वन विभाग से मृतक के स्वजन को 6 लाख का मुआवजा मिलना है। प्रक्रिया शुरू होते ही सरगुजा से आई 5 महिलाओं ने स्वयं को मृतक की पत्नी होने का दावा किया है।

अब पंचायत और वन विभाग सालिक राम की मुआवजा राशि का असली उत्तराधिकारी तय करने में जुटे गए हैं। मृतक के बेटे भागवत राम टोप्पो ने मीडिया को बताया कि घटना के बाद वनविभाग ने तात्कालिक सहायता राशि उनकी मां बुधियारो बाई को दिया था और पिता का अंतिम संस्कार भी उन्होंने ही किया है।

इस तरह उलझा मामला
भागवत राम का कहना है कि उसकी मां सुगंती बाई है, जो बचपन में ही उसे छोड़ कर कहीं चली गई थी। इसके बाद उनके पिता सालिक राम टोप्पो ने बुधियारो बाई से दूसरा विवाह किया था। इसके बाद से वे बीते 25 साल से अपनी एक बहन सविता बाई के साथ गांव में निवास कर रहे थे। इन 25 सालों में किसी ने भी सालिक राम की पत्नी होने का न तो कोई दावा किया और न ही परिवार से कोई संपर्क।

स्वयं को सालिक राम की पत्नी होने का दावा कर रही चारों महिलाओं से वह और उनके स्वजन पूरी तरह से अनजान हैं। पत्नी होने का दावा कर रही एक अनीता बाई का कहना है कि सालिक राम से उसका परिचय अंबिकापुर जिले के सीतापुर ब्लॉक के बिशुनपुर में हुआ था और उन्होंने ब्याह रचाया था।

संगीता बाई और शीला बाई ने भी सालिक राम के साथ विवाह होने का दावा किया है। मीना बाई का दावा है कि सालिक राम ने सबसे अधिक समय उनके साथ गुजारे हैं, इसलिए मुआवजा राशि की असली हकदार वही है।

असली वारिस तय करने की कवायद
मुआवजा राशि के पांच दावेदार सामने आ जाने से मामला पूरी तरह से उलझ गया है। पत्थलगांव के रेंजर कृपा सिंधु पैंकरा का कहना है कि बुधियारो बाई के अलावा चार महिलाओं द्वारा स्वयं के सालिक राम टोप्पो की पत्नी होने का दावा किए जाने की जांच की जा रही है। इनमें से कुछ दूसरे जिले की रहवासी हैं। घटना स्थल के पास का निवासी होने का जो प्रमाण पत्र देगा, उसे ही असली वारिस माना जाएगा।

मेरी मां बुधियारो बाई और मैं ही मृतक सालिक राम टोप्पो के असली वारिस हैं। हमने तमाम दस्तावेज प्रस्तुत कर दिए हैं। जो स्वयं को वारिस होने का दावा कर रहे हैं उन्होंने अब तक कोई दस्तावेज क्यों प्रस्तुत नहीं किया है। यह सब मेरे दिवंगत पिता की छवि खराब करने का प्रयास है। – भागवत राम टोप्पो, सालिक राम के पुत्र

घटना स्थल के आसपास का स्थानीय निवासी होने का दस्तावेज प्रस्तुत करने वाले को ही असली हकदार माना जाएगा। – कृपा सिंधु पैंकरा,रेंजर पत्थलगांव

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