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मुंगेली// छत्तीसगढ़ में फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र के आधार पर शासकीय सेवा प्राप्त करने वाले 27 अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया तेज़ हो गई है। कलेक्टर कुंदन कुमार के निर्देश पर चल रही जांच में अब तक 21 कर्मचारी निर्धारित मेडिकल जांच में गैरहाजिर रहे हैं। इसके चलते प्रशासन ने उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई के लिए संबंधित अधिकारियों को पत्र भेज दिया है।
क्या है पूरा मामला?
छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा संघ और अन्य स्रोतों से प्राप्त शिकायतों के आधार पर यह उजागर हुआ कि कुछ सरकारी कर्मचारी फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी में शामिल हुए हैं। इस गंभीर मामले को संज्ञान में लेते हुए कलेक्टर कुंदन कुमार ने 27 संदिग्ध अधिकारियों और कर्मचारियों की पुनः चिकित्सकीय जांच के आदेश दिए थे।
सभी को 18 जुलाई 2025 को डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय, रायपुर में संभागीय राज्य मेडिकल बोर्ड के समक्ष भेषज (मेडिकल) जांच के लिए उपस्थित होना था, लेकिन कोई भी उपस्थित नहीं हुआ।
अब तक की स्थिति
- 4 अधिकारी-कर्मचारी जांच प्रक्रिया पूरी कर चुके हैं।
- 2 का स्थानांतरण अन्य जिलों में हो चुका है।
- 20 कर्मचारियों ने उच्च न्यायालय, बिलासपुर में याचिका दायर की है।
- 21 कर्मचारी-अधिकारी अब तक जांच में अनुपस्थित हैं।
प्रशासन ने दिखाई सख्ती
अपर कलेक्टर जी.एल. यादव ने जानकारी दी कि अनुपस्थित रहने वालों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई हेतु संबंधित विभागों को पत्र भेजा गया है। उन्होंने कहा कि “जांच निष्पक्ष, विधिसम्मत और संवेदनशील ढंग से की जा रही है। दिव्यांग सेवा संघ से भी इस संबंध में चर्चा की जा रही है, ताकि किसी वास्तविक दिव्यांग के साथ अन्याय न हो।”