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रायपुर// युक्तियुक्तकरण के बाद भी स्कूल की स्थिति सुधरी नहीं है। प्रदेश के कई स्कूलों में लगातार शिक्षकों के लिए प्रदर्शन चल रहा है। वहीं छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले के नवागढ़ विकासखंड स्थित शिउड़ गांव में भी शिक्षकों की गंभीर कमी से बच्चे परेशान है। नाराज बच्चों और उनके पालकों ने हाई स्कूल के मुख्य गेट पर ताला जड़कर विरोध दर्ज कराया।
आरोप है कि अंग्रेजी और संस्कृत जैसे प्रमुख विषयों के शिक्षक लंबे समय से अनुपस्थित हैं, जिससे बच्चों की पढ़ाई, विशेष रूप से बोर्ड परीक्षा की तैयारी, बुरी तरह प्रभावित हो रही है। शिक्षा व्यवस्था की बदहाली को लेकर नवागढ़ ब्लॉक के शिउड़ गांव में ग्रामीणों का आक्रोश उस समय खुलकर सामने आया जब हाई स्कूल शिउड़ में पढ़ने वाले बच्चों और उनके पालकों ने स्कूल में ताला जड़ दिया।
पालकों का कहना है कि स्कूल में लंबे समय से अंग्रेजी और संस्कृत विषय के शिक्षक नहीं हैं, जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।जानकारी के अनुसार, अंग्रेजी शिक्षक अमित मैसी को बीते तीन वर्षों से सेजस नवागढ़ में अटैच कर दिया गया है। वहीं, अंग्रेजी विषय पढ़ाने वाले एक अन्य शिक्षक लक्ष्मीप्रसाद सूर्यवंशी का तबादला महंत हाई स्कूल कर दिया गया है। इन दोनों शिक्षकों की अनुपस्थिति के कारण विद्यालय में अंग्रेजी की पढ़ाई पूरी तरह से ठप है।
इसी तरह संस्कृत विषय के लिए भी कोई शिक्षक पदस्थ नहीं है। ग्रामीणों ने बताया कि बार-बार शिकायत करने और मांग उठाने के बावजूद शिक्षा विभाग या प्रशासन की ओर से कोई ठोस पहल नहीं की गई है। बच्चों के पालकों ने पहले ही प्रशासन को चेतावनी दी थी कि यदि समय रहते शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हुई, तो वे स्कूल में ताला जड़ देंगे।
परिणामस्वरूप, मंगलवार को बड़ी संख्या में पालक स्कूल पहुंचे और स्कूल के गेट पर ताला जड़ दिया। मौके पर भारी संख्या में ग्रामीण एकत्रित हुए और विद्यालय प्रबंधन के प्रति नाराजगी जाहिर की। पालकों का कहना है कि जब तक योग्य शिक्षक स्कूल में पदस्थ नहीं किए जाएंगे, तब तक स्कूल में ताला खुलने की कोई संभावना नहीं है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि युक्तियुक्तकरण (रैशनलाइजेशन) के नाम पर शिक्षक अन्य स्कूलों में अटैच कर दिए गए हैं, जबकि यहां छात्रों की संख्या के अनुसार पर्याप्त शिक्षक उपलब्ध नहीं हैं। हाई स्कूल में बोर्ड परीक्षाओं की तैयारियां चल रही हैं, और ऐसे में अंग्रेजी जैसे महत्वपूर्ण विषय के बिना बच्चों का भविष्य अधर में लटक गया है।
शिउड़ गांव के पालकों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द से जल्द शिक्षकों की बहाली नहीं की गई, तो वे ब्लॉक मुख्यालय तक आंदोलन करेंगे। वहीं दूसरी ओर, अब तक शिक्षा विभाग या जिला प्रशासन का कोई भी जिम्मेदार अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा है, जिससे ग्रामीणों की नाराजगी और बढ़ती जा रही है।