भारतमाला मुआवजा घोटाला: दो सरकारी कर्मचारी समेत 6 गिरफ्तार, घोटाले में शामिल अन्य अधिकारी-कर्मचारियों पर लटकती तलवार..

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रायपुर// छत्तीसगढ़ में भारतमाला सड़क परियोजना के लिए अधिग्रहीत जमीन के मुआवजा वितरण में करोड़ों रुपये का घोटाला सामने आया है। आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) ने बुधवार को इस मामले में दो सरकारी कर्मचारियों समेत कुल छह लोगों को गिरफ्तार किया है।

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EOW के अधिकारियों के अनुसार, रायपुर-विशाखापट्टनम आर्थिक गलियारे के लिए अधिग्रहीत भूमि में धोखाधड़ी कर सरकार को भारी आर्थिक नुकसान पहुंचाया गया। आरोप है कि अधिग्रहीत जमीन को फर्जी तरीके से दोबारा शासन को बेचा गया, असली जमीन मालिकों की जगह दूसरों को मुआवजा दिया गया और निजी जमीन को टुकड़ों में बांटकर गलत मुआवजा हासिल किया गया।

गिरफ्तार हुए आरोपी
इस मामले में जल संसाधन विभाग के सेवानिवृत्त अमीन गोपाल राम वर्मा और नरेंद्र कुमार नायक के अलावा चार अन्य लोगों – खेमराज कोसले, पुनुराम देशलहरे, भोजराम साहू और कुंदन बघेल को गिरफ्तार किया गया है। विशेष अदालत ने चार आरोपियों को 18 जुलाई तक EOW की हिरासत में भेज दिया है, जबकि दोनों सरकारी कर्मचारियों को 23 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में रखा गया है।

कैसे हुआ घोटाला?
जांच में सामने आया कि जल संसाधन विभाग के कर्मचारियों ने पूर्व में अधिग्रहीत भूमि को लेकर गलत रिपोर्ट दी। वहीं, अन्य आरोपियों ने राजस्व विभाग के फरार अधिकारियों के साथ मिलकर खाता विभाजन (बटांकन) और अन्य प्रक्रियाओं में फर्जीवाड़ा किया। किसानों से इस काम के बदले मोटा कमीशन लिया गया।

48 करोड़ रुपये का नुकसान, बढ़ सकता है आंकड़ा
अब तक की जांच में पता चला है कि पांच गांवों की जमीनों में गड़बड़ी के चलते सरकार को 48 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ। अन्य गांवों की रिपोर्ट अभी आनी बाकी है, जिससे यह राशि और बढ़ सकती है। इस मामले में अब तक कुल 10 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है और जांच जारी है।

EOW का कहना है कि घोटाले में शामिल अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों पर भी जल्द कार्रवाई की जाएगी।

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