सड़क-नाली के लिए तरसा जिला मुख्यालय से लगा हुआ गाँव : गंभीर बीमारियों का बढ़ा खतरा, स्कूली बच्चों सहित ग्रामीण परेशान, समाधान के लिए अब प्रशासन की ओर निगाह, उग्र आंदोलन की चेतावनी..

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मुंगेली/ जिला मुख्यालय से सटा हुआ ग्राम पंचायत कोदुकापा का आश्रित ग्राम जेठुकापा बुनियादी सुविधाओं के लिए आज भी तरस रहा है विडंबना यह है कि जिला मुख्यालय से महज कुछ किलोमीटर की दूरी पर बसे इस गांव में न तो ढंग की सड़क है न ही जल निकासी की समुचित व्यवस्था जैसे ही पहली बरसात हुई, पूरा गांव पानी-पानी हो गया ,ग्रामीणों का कहना है कि यह स्थिति कोई नई नहीं है बीते सात आठ वर्षों से हर साल बरसात में यही हालात बनते हैं, परंतु आज तक कोई स्थायी समाधान नहीं किया गया गली-मोहल्लों में पानी भर जाता है जिससे लोगों को घर से बाहर निकलना भी मुश्किल हो जाता है सबसे अधिक समस्या स्कूली बच्चों को होती है, जिन्हें कीचड़ और भरे हुए पानी से होकर स्कूल जाना पड़ता है.

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स्वास्थ्य और जान पर खतरा

बरसात का पानी सिर्फ असुविधा ही नहीं बीमारियों का घर भी बनता जा रहा है दूषित जलजमाव के कारण गांव में मलेरिया, डेंगू और त्वचा रोग जैसी बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है। कई बार ग्रामीणों ने जनदर्शन और जनपद पंचायत से शिकायत की, लेकिन हर बार आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला

जन प्रतिनिधियों के चुप्पी पर सवाल

गांववालों का आरोप है कि चुनाव के समय नेता वोट मांगने जरूर आते हैं, लेकिन चुनाव जीतने के बाद गांव की समस्याओं की किसी को कोई परवाह नहीं होती सरकारी योजनाएं कागजों में ही सीमित रह गई हैं स्वच्छ भारत मिशन और ग्राम सड़क योजना जैसे अभियानों की जमीनी हकीकत जेठुकापा में पूरी तरह बेनकाब हो जाती है

गांव की उम्मीदें अब भी जिंदा

गांव के बुजुर्गों और युवाओं का कहना है कि अब वे चुप बैठने वाले नहीं हैं। उन्होंने तय किया है कि यदि जल्दी समाधान नहीं हुआ, तो वे कोई ठोस कदम उठाएंगे एवं अपनी बात को राज्य शासन तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

प्रशासन से मांग

ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि ग्राम जेठुकापा में शीघ्र ही नाली और पक्की सी सी सड़क स्कूल की बाउंड्री वाल समतलीकरण एवं पे जल का निर्माण कराया जाए, ताकि बारिश में जलजमाव से राहत मिल सके और गांव को बीमारियों से बचाया जा सके।

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