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राजनांदगांव// मोहड़ गोलीकांड को लेकर पूरे जिले में आक्रोश की लहर दौड़ गई है। सोमवार को हालात तब गरमा गए जब ग्रामीणों ने एक साथ आईजी दफ्तर और कलेक्ट्रेट का घेराव कर दिया। ग्रामीणों ने रेत तस्करी से जुड़े लोगों पर कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए प्रशासन को उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है। गांव के लोग पूरे परिवार के साथ सड़कों पर उतरे और पोस्टर-बैनर लेकर नारेबाजी करते हुए दोषियों को सजा देने की मांग की।
दबाव में पुलिस-प्रशासन, हर तरफ से हो रहा घेराव
सोमवार को पुलिस और जिला प्रशासन के लिए हालात संभालना चुनौती बन गया। एक तरफ मोहड़ के ग्रामीण आईजी दफ्तर पर धरने पर बैठ गए, वहीं दूसरी ओर कलेक्ट्रेट का घेराव कर जमकर नारेबाजी की गई।
जिला कांग्रेस कमेटी के नेतृत्व में पहुंचे ग्रामीणों ने रेत तस्करी में लिप्त राजनीतिक और रसूखदार लोगों के नाम उजागर करने की मांग की। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि अब तक सिर्फ दिखावटी कार्रवाई हो रही है जबकि असली दोषी खुलेआम घूम रहे हैं।
निखिल द्विवेदी ने किया मौन प्रदर्शन
कांग्रेस नेता निखिल द्विवेदी भी सोमवार को अपने समर्थकों के साथ एसपी दफ्तर पहुंचे और वहां मौन प्रदर्शन किया। बैनर-पोस्टर के साथ पहुंचे निखिल ने एसपी को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि मोहड़ गोलीकांड और रेत तस्करी मामले में जल्द और सख्त कार्रवाई जरूरी है।
दीपक बैज करेंगे मोहड़ का दौरा
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज मंगलवार को राजनांदगांव पहुंचेंगे। वो सीधे मोहड़ जाकर घटना स्थल का निरीक्षण करेंगे और ग्रामीणों से मुलाकात कर उनकी आपबीती सुनेंगे।
बता दें कि, कांग्रेस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए 6 सदस्यीय जांच कमेटी भी गठित की थी, जिसने स्थल निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार की है।
हालांकि रिपोर्ट में क्या तथ्य सामने आए हैं, इसका खुलासा अब तक नहीं हुआ है।
आईरा ने की कॉल डिटेल्स और मीडिया जांच की मांग
इंटरनेशनल रिपोर्टर एसोसिएशन (आईरा) ने भी मामले में दखल देते हुए सोमवार को एसपी को ज्ञापन सौंपा है। आईरा अध्यक्ष हेमंत वर्मा ने मांग की है कि वायरल वीडियो और रेत तस्करी में शामिल आरोपियों के कॉल डिटेल्स की जांच की जाए। इसके साथ ही उन्होंने इस केस में मीडिया कर्मियों की भूमिका की भी निष्पक्ष जांच की मांग की है।
अब तक क्या हुई कार्रवाई?
अब तक 3 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है, पुलिस जांच जारी है लेकिन कोई ठोस खुलासा सामने नहीं आया है। पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि रेत तस्करी की योजना कब बनी, कौन-कौन इसमें शामिल था और गोलीकांड किस परिस्थिति में हुआ। ग्रामीणों का आरोप है कि जांच जानबूझकर धीमी की जा रही है ताकि दोषियों को बचाया जा सके।
मामला गर्म, आंदोलन उग्र होने की कगार पर
मोहड़ गोलीकांड अब सिर्फ कानून व्यवस्था का मुद्दा नहीं, बल्कि जनता बनाम प्रशासन की लड़ाई बन चुका है। ग्रामीणों का भरोसा टूटता जा रहा है और अब उन्होंने उग्र आंदोलन की चेतावनी दे दी है।
इस बीच राजनीतिक दबाव, मीडिया जांच, और पुलिस की निष्क्रियता जैसे मुद्दे भी सामने आने लगे हैं। अगले कुछ दिन इस केस में काफी अहम साबित हो सकते हैं।
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