पंचायत सचिव गिरफ्तार, लाखों की गड़बड़ी और भड़काऊ पोस्ट का मामला..

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जांजगीर-चांपा// कोटमीसोनार पंचायत से एक ऐसा सनसनीखेज मामला सामने आया है जिसने पंचायत व्यवस्था और सामाजिक सद्भाव दोनों को कटघरे में ला खड़ा किया है। गांव के विकास की जिम्मेदारी संभालने वाले तत्कालीन सचिव इलाही मोहम्मद कुरैशी पर अब गंभीर आरोपों की झड़ी लग चुकी है – एक तरफ 25 लाख से ज्यादा की सरकारी राशि का गबन, दूसरी तरफ समाज में नफरत फैलाने की कोशिश।

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सरकारी फंड से जेब भरी, कागजों पर विकास

2022-23 और 2023-24 में पंचायत को 15वें वित्त आयोग से मिली लाखों की राशि का इस्तेमाल गांव के विकास की बजाय सचिव ने खुद की तिजोरी भरने में किया। पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि कुरैशी ने फर्जी बिल, कागजों पर अधूरे निर्माण और जालसाजी से ₹25,13,528 की रकम सीधे अपने खाते में डलवा दी। कागजों में काम पूरा, लेकिन जमीनी हकीकत में विकास गायब!

गुंडागर्दी से दबाया हर विरोध, तीन महीने पुरानी शिकायतें धूल फांकती रहीं

इलाही कुरैशी के खिलाफ तीन महीने पहले ही ग्रामीणों और पंचायतकर्मियों ने सीधा मोर्चा खोल दिया था। 18 मार्च को जिला पंचायत सीईओ को सौंपे ज्ञापन में कुरैशी को “कार्यालय का आतंक” बताया गया था। आरोप लगे कि वो कर्मचारियों को गाली देता था, धमकी देता, व्हाट्सएप पर अशोभनीय मैसेज भेजता और ब्लैकमेलिंग की हरकतें करता।

17 मार्च को उसने सीईओ को जातिगत मामले में फंसाने की साजिश भी रची, लेकिन सीसीटीवी फुटेज ने उसकी पोल खोल दी। बावजूद इसके, विभाग ने कार्रवाई में देर की।

वॉट्सएप पर नफरत का कारोबार, अब समाज में बंटवारे की साजिश

पैसों की हेराफेरी तक तो बात थी, लेकिन कुरैशी यहीं नहीं रुका। उसने एक धार्मिक वॉट्सएप ग्रुप में ऐसा पोस्ट किया जिससे सांप्रदायिक तनाव फैल सकता था। पुलिस ने इसे गंभीरता से लिया और धारा 299 BNS के तहत अलग केस दर्ज किया गया।

गिरफ्तार होते ही कबूला गुनाह, अब जेल की हवा खा रहा सचिव

काफी समय से फरार चल रहे कुरैशी को पुलिस अधीक्षक विजय कुमार पांडे के निर्देशन में अकलतरा थाना प्रभारी मणीकांत पांडे और उनकी टीम ने गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उसने दोनों मामले – गबन और नफरत फैलाने – में अपनी गलती स्वीकार की। अब वह न्यायिक रिमांड पर है।

पंचायत में अकेला गुनहगार या पूरी गैंग?

ग्रामीणों की मानें तो कुरैशी की मनमानी कोई नई बात नहीं थी। वर्षों से वह बेलगाम था, न सरपंच कुछ कहता था, न जनपद स्तर से कोई निगरानी थी। अब सवाल उठ रहा है – क्या इतने बड़े खेल में वो अकेला था? पुलिस अब इस एंगल से भी जांच कर रही है।

पुलिस की जांच जारी, और भी चेहरों पर गिर सकती है गाज

सूत्रों की मानें तो पुलिस अब बैंक ट्रांजैक्शन, डिजिटल चैट्स और पूर्व के रिकॉर्ड की गहराई से जांच कर रही है। जल्द ही इस घोटाले में साथ देने वालों पर भी शिकंजा कसा जाएगा।


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