काउंसलिंग में अफसरों की गफलत: आदेश रद्द, फिर से हो रही पोस्टिंग! शिक्षकों का धैर्य जवाब देने लगा..

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जगदलपुर/बस्तर – छत्तीसगढ़ में शिक्षक युक्तियुक्तकरण को लेकर मचा बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा। अब तो हालात ये हो गए हैं कि अफसर खुद ही समझ नहीं पा रहे कि करना क्या है! आदेश पहले निकाल दिए जाते हैं, फिर उन्हें रद्द कर दिया जाता है, और उसके बाद दोबारा काउंसलिंग शुरू की जाती है।

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ताज़ा मामला बस्तर जिले के जगदलपुर से सामने आया है, जहां माध्यमिक शाला के शिक्षकों की काउंसलिंग के बाद जारी पदस्थापना आदेश पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है।

अफसरों का उलझा प्लान, शिक्षक हैरान

5 जून को बस्तर कलेक्टोरेट परिसर में अतिशेष माध्यमिक शिक्षकों की विषयवार ओपन काउंसलिंग करवाई गई थी। काउंसलिंग के बाद पदस्थापना आदेश भी जारी कर दिए गए थे, लेकिन बड़े पैमाने पर हुई गड़बड़ियों की शिकायतों ने पूरा सिस्टम हिला कर रख दिया।

शिक्षकों ने पहले भी अतिशेष सूची को लेकर सवाल उठाए थे, मगर प्रशासन ने शिकायतों को अनसुना करते हुए काउंसलिंग करवा दी। अब जब मामला कोर्ट और उच्चाधिकारियों तक पहुंच गया है, तो जिला शिक्षा अधिकारी को अपने ही आदेश को रद्द करना पड़ा है।

फिर से हो रही काउंसलिंग, वही अफसर… वही सिस्टम!

अब बस्तर जिला प्रशासन ने नई काउंसलिंग की घोषणा की है। आज 8 जून को सुबह 10 बजे से कलेक्टरेट परिसर में दोबारा ओपन काउंसलिंग हो रही है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि अगर पहले ही सबकुछ नियम से होता, तो शिक्षकों को इस तरह भटकना क्यों पड़ता?

अफसरशाही की सजा भुगत रहे शिक्षक

इस पूरी प्रक्रिया ने साबित कर दिया है कि युक्तियुक्तकरण को लेकर अधिकारियों में तालमेल की भारी कमी है। एक तरफ सूची बदलती रहती है, दूसरी ओर शिक्षकों को बिना वजह मानसिक तनाव और असमंजस का शिकार होना पड़ रहा है।

कहीं काउंसलिंग रद्द, तो कहीं आदेश पर ब्रेक, और कहीं अधिकारियों पर सस्पेंशन — ये पूरी व्यवस्था अब मज़ाक बनती जा रही है।


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