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मुंगेली// जिले में फर्जी दस्तावेज़ तैयार कर सरकारी नौकरी दिलाने वाले रैकेट का पर्दाफाश हुआ है। मुंगेली पुलिस ने शनिवार को एक अंतर्राज्यीय गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से फर्जी मूल निवास प्रमाण पत्र, कोरे नोटरी कागजात, दाखिल-खारिज दस्तावेज, सील, कूटरचित प्रमाणपत्र और तीन मोबाइल बरामद किए हैं।
गिरफ्तार आरोपियों में शामिल योगेन्द्र कुमार, निवासी अंडला, थाना खैर, अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश) और प्रशांत राजपूत, निवासी डौकी, आगरा (उत्तर प्रदेश) हैं, जो खुद को ग्राम कंतेली, मुंगेली का निवासी बताकर एक युवक विशाल पिता यशपाल सिंह के लिए फर्जी चरित्र सत्यापन कराने पुलिस कार्यालय पहुंचे थे।
संदेह होने पर मामले की सूचना पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल को दी गई, जिनके निर्देश पर थाना लालपुर, साइबर सेल और जिला विशेष शाखा की संयुक्त टीम गठित कर जांच की गई। जब पुलिस टीम ग्राम कंतेली पहुंची तो वहां के सरपंच प्रतिनिधि, कोटवार और ग्रामीणों ने साफ कहा कि गांव में इस नाम का कोई व्यक्ति नहीं रहता।
पूछताछ में आरोपियों ने कबूला कि उन्होंने विशाल को फतेहाबाद, उत्तर प्रदेश का निवासी बताया और छत्तीसगढ़ के एसआरई जिले से अतिरिक्त अंक मिलने की संभावना को देखते हुए फर्जी निवास प्रमाण पत्र बनवाकर BSF की नौकरी दिलाई। आरोपी कुछ दिन पहले ही बिलासपुर के होटल अंबे पैलेस में रुके थे, जहां से पुलिस ने दस्तावेज़ों सहित मोबाइल फोन बरामद किए।
थाना लालपुर में आरोपियों के खिलाफ अपराध क्रमांक 103/2025 के तहत धारा 318(4), 338, 336(3), 340(2), 3(5) BNS के अंतर्गत मामला दर्ज कर उन्हें 07 जून 2025 को न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है।
जानकारी मिली है कि राजस्थान, मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश जैसे राज्यों से एजेंटों के जरिए ऐसे फर्जी प्रमाण पत्र तैयार कर सरकारी नौकरी दिलाने का रैकेट सक्रिय है। पहले भी ऐसी सूचनाएं आई थीं, लेकिन पहली बार पुलिस के हाथ पुख्ता सबूत लगे हैं।
पुलिस का कहना है कि इस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश जारी है और जल्द ही और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
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