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रायपुर// यात्री ट्रेन में तत्काल टिकट बुक करने और कंफर्म टिकिट लेने में लोगों के पसीने छूट जाते हैं। सुबह-सुबह रेलवे स्टेशन में टिकट खिड़की के खुलते ही चंद मिनटों में तत्काल टिकट खत्म हो जाती है। तत्काल टिकट पाने के लिए लोग रेल एजेंटों के चक्कर काटते हैं। हर जुगाड़ करते हैं कि बस कंफर्म तत्काल टिकट मिल जाए। तत्काल टिकट की इस समस्या से निजात दिलाने के लिए सरकार अब ‘आधार’ के जरिए इस समस्या की काट निकालने के काम पर लग गई है।
तत्काल टिकटों की हो रही कालाबाजारी पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार सख्त कदम उठाने जा रही है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक ट्वीट में जानकारी दी है कि भारतीय रेलवे जल्द ही तत्काल टिकट बुकिंग के लिए ई. आधार सत्यापन की सुविधा शुरू करेगा। जिससे असली यात्री तत्काल टिकट की सुविधा का उपयोग कर सकेंगे।
IRCTC ने 2.5 करोड़ फर्जी यूजर आईडी किए बंद
तत्काल टिकटों की कालाबाजारी पर लगाम लगाने के लिए आईआरसीटीसी ने 2.5 करोड़ फर्जी यूजर आईडी को बंद (डिएक्टिवेट) कर दिया है। ये आईडी ऐसे लोग या एजेंट्स चला रहे थे, जो नियमों का उल्लंघन कर रहे थे। रेल मंत्रालय के प्रवक्ता दिलीप कुमार ने बताया कि रेलवे ने अपनी टिकट बुकिंग प्रणाली को पूरी तरह डिजिटली मॉडर्नाइज कर दिया है। अब वेबसाइट पर कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) आधारित एंटी-बॉट सिस्टम लगाया गया है, जो फर्जी और ऑटोमेटिक बुकिंग करने वाले बॉट्स को तुरंत पहचान कर ब्लॉक कर देता है।
सिर्फ असली यूजर्स ही बुक कर सकेंगे तत्काल टिकट
रेल मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि अब केवल सत्यापित और असली यूजर्स ही तत्काल टिकट बुकिंग सुविधा का लाभ उठा सकेंगे। बता दें कि, भारतीय रेलवे को पिछले 5 महीनों में 2.9 लाख संदिग्ध पीएनआर का पता चला था। ये वो सामान्य और तत्काल टिकट थे, जिसे बुकिंग शुरू होने के 5 मिनट के अंदर खरीदे गए थे। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक जनवरी से मई 2025 में 2.5 करोड़ फर्जी यूजर आईडी बंद कर दी गई है। इनमें से कई खाते एजेंटों या सॉफ्टवेयर से जुड़े थे, जो सिस्टम में खामियों का फायदा उठा रहे थे। इसके अलावा 20 लाख यूजर आईडी को दोबारा जांच के लिए रखा गया है।