शेयर करें...
सारंगढ़-बिलाईगढ़// नगर पंचायत सरिया के मुख्य चौक पर संचालित देशी और अंग्रेजी शराब दुकान को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है। पंचधार गांव के सैकड़ों ग्रामीणों ने इस दुकान को हटाने की मांग को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। ग्रामीणों का कहना है कि शराब दुकान की वजह से क्षेत्र में महिलाओं और बच्चों का सुरक्षित निकलना मुश्किल हो गया है।
ग्रामीणों ने ज्ञापन में बताया कि यह दुकान नगर के व्यस्ततम मार्ग पर स्थित है, जहां दिनभर शराब पीने वालों की भीड़ लगी रहती है। इनकी गतिविधियों के कारण महिलाएं असहज महसूस करती हैं और कई बार अभद्रता की घटनाएं भी सामने आ चुकी हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि शराब दुकान को किसी सुनसान या औद्योगिक इलाके में स्थानांतरित किया जाए, ताकि आम जनता को राहत मिल सके।
ज्ञापन देने वालों में त्रिनाथ पूरी, प्रदीप बारीक, महेश बारीक, अक्षय बैरागी, नरेश डनसेना, निमेष गुप्ता, अजय बंजारा, अजीत पात्रे, गोपाल बगेल सहित कई अन्य ग्रामीण शामिल थे। यह मांग ग्राम पंचायत पंचधार की ओर से रखी गई है।
पहले भी हो चुकी है दर्दनाक घटना
बता दें कि कुछ ही दिन पहले सरिया मुख्य मार्ग पर देशी भट्ठी के सामने एक दर्दनाक हादसा हुआ था। विजयपुर (रतनपाली) निवासी दिवस निषाद को ट्रैक्टर चालक ने टक्कर मार दी थी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई थी। हादसे के बाद ट्रैक्टर चालक फरार हो गया और इस घटना ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया।
घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने मौके पर जमकर प्रदर्शन किया। लेकिन चौंकाने वाली बात यह रही कि शराब पीकर भट्ठी से निकले कुछ लोग भी प्रदर्शन में शामिल हो गए और बहती गंगा में हाथ धोते हुए शासन-प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। जानकारी के मुताबिक कुछ नशे में धुत लोगों ने मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों से भी बदसलूकी की, जिसके बाद मामला लाठीचार्ज तक पहुंच गया था।

सामाजिक माहौल पर भारी शराब दुकानें
ग्रामीणों ने स्पष्ट किया है कि शराब दुकानों की वजह से इलाके का सामाजिक माहौल लगातार बिगड़ता जा रहा है। बच्चों की पढ़ाई, महिलाओं की सुरक्षा और आम नागरिकों की शांति पर इसका सीधा असर पड़ रहा है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो वे बड़ा जन आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
पंचधार के लोगों की यह पहल केवल एक दुकान के खिलाफ नहीं, बल्कि एक स्वस्थ और सुरक्षित समाज की ओर उठाया गया कदम है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस जनभावना को कितना गंभीरता से लेता है।
You must be logged in to post a comment.