आयुष्मान योजना के नाम पर लूट? सरगुजा के अस्पताल में गरीब मरीज से लाखों की वसूली, अब न्याय की मांग

शेयर करें...

अंबिकापुर// सरगुजा जिले के लाइफ लाइन हॉस्पिटल पर आयुष्मान भारत योजना के तहत मुफ्त इलाज के बावजूद गरीब मरीज से लाखों रुपये वसूलने का गंभीर आरोप लगा है। इस घटना ने योजना के कार्यान्वयन और अस्पतालों की निगरानी पर सवाल उठाए हैं।

Join WhatsApp Group Click Here

क्या है मामला?

सूरजपुर के बिश्रामपुर थाना क्षेत्र की राजकुमारी देवी को 11 फरवरी 2025 को सीने में दर्द के कारण सूरजपुर जिला अस्पताल से लाइफ लाइन हॉस्पिटल, अंबिकापुर रेफर किया गया। उनके पास वैध आयुष्मान कार्ड था, लेकिन अस्पताल ने “टेक्निकल इशू” का हवाला देते हुए पहले दिन 40,000 रुपये नकद लिए। RTI से खुलासा हुआ कि 12-17 फरवरी तक मेडिकल केस में 50,000 रुपये और 17-20 फरवरी तक सर्जिकल केस में 72,200 रुपये की सरकारी मंजूरी थी, फिर भी अस्पताल ने 2 लाख रुपये से अधिक वसूले। सर्जरी 16 फरवरी को हुई, लेकिन मंजूरी 17 फरवरी से दी गई, जो दस्तावेजों में हेरफेर का संकेत देता है।

डॉक्टरों के उलझे बयान

सर्जरी के बाद कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. सूर्यवंशी ने दावा किया कि ब्लॉकेज का ऑपरेशन सफल रहा, लेकिन दो दिन बाद डॉ. असाटी ने कहा कि दो और ब्लॉकेज बाकी हैं, जिनकी सर्जरी बाद में होगी। परिजनों के सवाल पर दोनों डॉक्टरों ने बयान बदले, जिससे मरीज का भरोसा टूटा।

समाजसेवी की पहल

समाजसेवी दीपक मानिकपुरी ने इस मामले को उजागर किया। उन्होंने कहा, “यह गरीबों के अधिकारों पर हमला है। आयुष्मान योजना को लूट का जरिया बनाया जा रहा है।” उन्होंने RTI के जरिए वसूली का खुलासा किया। परिजनों और दीपक ने 19 मई 2025 को कोतवाली, जिला कलेक्टर, और CMHO को शिकायत दी।

जनता की मांग

  • लाइफ लाइन हॉस्पिटल के खिलाफ FIR और सख्त जांच।
  • आयुष्मान क्लेम्स का स्वतंत्र ऑडिट।
  • दोषी डॉक्टरों और प्रबंधन का लाइसेंस रद्द।
  • रियल-टाइम क्लेम मॉनिटरिंग सिस्टम।

सवाल और चिंताएं

  • “टेक्निकल इशू” बहाना था या वसूली की साजिश?
  • आयुष्मान कार्ड पर मंजूरी के बावजूद नकद वसूली क्यों?
  • सरकारी योजनाओं की निगरानी की कमी क्यों?

प्रशासन से उम्मीद

प्रशासन ने जांच का आश्वासन दिया है, लेकिन जनता मांग कर रही है कि दोषियों को सजा मिले और ऐसी घटनाएं रुकें। आयुष्मान योजना तभी सार्थक होगी, जब इसका कार्यान्वयन ईमानदार हो। क्या यह मामला न्याय तक पहुंचेगा, या फाइलों में दब जाएगा?

Scroll to Top