रायगढ़ पुलिस ने 18 घंटे में किडनैपिंग और लूट की गुत्थी सुलझाई, नाबालिग समेत दो आरोपी गिरफ्तार..

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रायगढ़// जिले के पुसौर थाना अंतर्गत ग्राम रूचिदा में ऑटो चालक के अपहरण, मारपीट और फिर वीडियो कॉल के जरिए फिरौती की मांग जैसे गंभीर संगठित अपराध का पुलिस ने 18 घंटे के भीतर खुलासा कर दिया है। पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल के निर्देश पर गठित विशेष टीम ने उच्च तकनीकी दक्षता, ह्यूमन हिंट और सतर्कता का परिचय देते हुए दो आरोपियों को हिरासत में लिया है, जिनमें से एक विधि के साथ संघर्षरत बालक है। पुलिस ने घटना में प्रयुक्त टंगिया, आरोपियों के कपड़े सहित अन्य सामग्री बरामद कर उन्हें गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है।

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बता दें कि घटना 30 अप्रैल को देर रात की है, जब ऑटो चालक विजय यादव उर्फ गोलू (38 वर्ष), निवासी गोपालपुर थाना चक्रधरनगर, रोज की तरह रेलवे स्टेशन से सवारी लेकर निकला । रात लगभग 9 बजे दो अज्ञात युवक रेलवे स्टेशन से ग्राम रूचिदा तक जाने के लिए 700 रुपये किराए पर उसके ऑटो में सवार हुए। ग्राम रूचिदा से आगे सुनसान जगह पर युवकों ने ऑटो रुकवाया और पहले से साथ लाए टंगिया और डंडे से विजय पर हमला कर दिया, जिससे वह बेसुध हो गया। आरोपियों ने उसके पास रखे 500 रुपये और एक विवो मोबाइल फोन लूट लिया और उसी मोबाइल से उसके घरवालों को वीडियो कॉल कर फिरौती की मांग करते हुए धमकाया कि पैसे नहीं देने पर विजय को जान से मार देंगे। पीड़ित के हाथ-पैर बांधकर आरोपी उसे ऑटो में घुमाते रहे और परिजनों को डराते रहे।

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल ने नगर पुलिस अधीक्षक आकाश शुक्ला, डीएसपी साइबर सेल अनिल विश्वकर्मा के नेतृत्व में थाना कोतवाली, पुसौर और साइबर सेल की संयुक्त टीम गठित की। टीम ने रात भर मुस्तैदी से रेलवे स्टेशन और आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले, पीड़ित के संपर्कों की साइबर ट्रेसिंग की और आसपास के लोगों से पूछताछ कर अहम सुराग जुटाया। जांच में सामने आया कि लिटाईपाली निवासी प्रकाश सिदार (25 वर्ष) घटना में संलिप्त है। उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो उसने अपना जुर्म कबूल करते हुए बताया कि उसने अपने नाबालिग साथी के साथ मिलकर पूरी योजना बनाई थी।

प्रकाश सिदार ने बताया कि वे दोनों पहले से ही लूट की नीयत से ऑटो में सवार हुए और सुनसान जगह पर टंगिया से हमला कर ऑटो चालक को बंधक बनाया। मोबाइल फोन से परिजनों को धमकाते हुए 1 लाख रूपये मांगे और डर का माहौल बनाया। पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर टंगिया, घटना के समय पहने कपड़े और अन्य सबूत जब्त कर लिए हैं। घटना में पीड़ित की जान समय पर कार्रवाई के कारण बच पाई। पुलिस ने प्रकरण में अपराध क्रमांक 124/2025 धारा 309(6), 127(2), 140(1), 3(5) बीएनएस + आर्म्स एक्ट के तहत मामला पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया है।

पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल के नेतृत्व, सीएसपी आकाश शुक्ला, डीएसपी साइबर सेल अनिल विश्वकर्मा के मार्गदर्शन एवं थाना प्रभारी पुसौर निरीक्षक रामकिंकर यादव, सहायक उप निरीक्षक मनमोहन बैरागी, उमाशंकर विश्वाल, उमाशंकर नायक, प्रधान आरक्षक योगेश उपाध्यक्ष, आरक्षक धनुर्जयचंद बेहरा, दिनेश गोंड, विजय कुशवाहा, ठंडाराम गुप्ता, साइबर सेल के प्रधान आरक्षक बृजलाल गुर्जर, आरक्षक विकास प्रधान, विक्रम सिंह, रविंद्र गुप्ता, सुरेश सिदार तथा थाना कोतवाली के आरक्षक मनोज पटनायक और उत्तम सारथी की संयुक्त सक्रियता का परिणाम है, जिसने संगठित अपराध को नाकाम कर पीड़ित को सुरक्षित बचाया और अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया। रायगढ़ पुलिस की यह तत्परता आम जनता में सुरक्षा का विश्वास और अपराधियों में कानून का डर पैदा करती है।

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