रात के अंधेरे में चमक उठा बिलासपुर : झांकियों ने उड़ाई नींद, विसर्जन उत्सव में हजारों की भीड़..

शेयर करें...

बिलासपुर// श्रद्धालुओं ने मां के विदाई क्षणों को भक्ति और प्रेम से सजाया। नयनाभिराम झांकियों ने भक्तों को भाव-विभोर कर दिया। विसर्जन यात्रा की शुरुआत सिम्स चौक से हुई, जहां से झांकियों का कारवां सदर बाजार, गोल बाजार, हटरी चौक होते हुए पचरी घाट तक पहुंचा। भक्तों ने इस पूरे मार्ग पर झांकियों के साथ मां दुर्गा के दर्शन किए और आशीर्वाद लिया। रातभर चले इस विसर्जन उत्सव में हजारों की भीड़ शामिल रही। इसने शहर में मेले जैसा माहौल बना दिया। विशेष बात यह रही कि रावत नाच और पंथी नृत्य जैसे पारंपरिक नृत्य दलों ने भी अपने मनमोहक प्रदर्शन से इस उत्सव को और अधिक यादगार बना दिया। इस बार की विसर्जन झांकियों में मां दुर्गा के शक्ति रूप को प्रमुखता से दर्शाया गया।

Join WhatsApp Group Click Here

झांकियों में मां को शेर की सवारी करते हुए और असुरों का संहार करते हुए दिखाया गया। इससे लोगों को मां की अद्भुत शक्ति का अनुभव हुआ। इसके अलावा राम दरबार, नारी शक्ति, पर्यावरण संरक्षण की झांकियां भी देखने को मिलीं। इन झांकियों ने राष्ट्रीयता और भक्ति का अनोखा संगम प्रस्तुत किया। इससे श्रद्धालु भावुक हो उठे।

राजनांदगांव व दुर्ग के बैंड व पंथी नृत्य ने बांधा समां

विसर्जन के दौरान पारंपरिक नृत्य दलों ने पूरे आयोजन को उत्सव की ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया। रावत नाच और पंथी नृत्य दलों ने अपनी मनमोहक प्रस्तुतियों से लोगों का दिल जीत लिया। नर्तक दलों की सजीव झांकियों और मां दुर्गा के आराधना गीतों के बीच भक्तों ने भी नाचते-गाते हुए मां का आशीर्वाद लिया। दुर्ग व राजनांदगांव बैंड के साथ इस साल कई समितियों ने अलग- अलग बैंड की धुन पर झांकी निकाली।

रातभर रहा मेले जैसा माहौल

शहर भर में मां दुर्गा की प्रतिमाओं के विसर्जन के दौरान भक्तों का उत्साह चरम पर था। सड़कों के किनारे लगे स्टाल्स पर लोग झांकियों के बीच स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद लेते हुए नजर आए। रात के 11 बजे के बाद से शहर के विभिन्न इलाकों से झांकियों का पचरी घाट की ओर रुख हुआ। यहां हजारों लोग जमा हुए। जहां बारी-बारी से प्रतिमाओं का विसर्जन हुआ। सुबह पांच बजे तक इस भव्य उत्सव का समापन हुआ, लेकिन इसके बाद भी लोगों में भक्ति और उत्साह की कमी नहीं दिखी।

इस वर्ष का दुर्गा विसर्जन बिलासपुर के लिए एक यादगार अवसर साबित हुआ। जीवंत झांकियों, पारंपरिक नृत्यों और मां दुर्गा की भव्य प्रतिमाओं ने लोगों के दिलों में गहरी छाप छोड़ी। शहरवासियों ने मेले जैसा माहौल बनाकर पूरे आयोजन को भक्ति और उल्लास से भर दिया, जिससे यह दुर्गा उत्सव और भी खास बन गया। वैसे तो एक से बढ़कर एक झांकी इस साल रही। लेकिन शहरवासियों को सबसे ज्यादा क्रेन में उड़ते हुए गरुण देव और भगवान राम और लक्ष्मण को हाथ व कंधे में उठाकर हवा में उड़ते हुए हनुमान जी की झांकी ने सबसे अधिक आकर्षित किया। इसके अलावा शिव जी और मां दुर्गा के विभिन्न रूपों वाली झांकी ने भी मन मोह लिया।

दो लाख के चाकलेट बंटे, पंडाल में भीड़

मसानगंज में इस साल दो लाख चाकलेट से पंडाल सजाया गया था। विसर्जन के दौरान इन चाकलेट को पूरे शहर को बांटा गया। चाकलेट की चाह में सुबह से यहां भीड़ जुट गई थी। झांकी के साथ शहरभर के बच्चों को विशेष रूप से चाकलेट दिया गया। यह भी देखने लायक था।

Scroll to Top