सीएम भूपेश के गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ के सपनो पर अधिकारी लगा रहे तमाचा : महत्वाकांक्षी रीपा योजना बना भ्रष्टचारीयों के जेब भरने का जरिया, सीएम भूपेश बघेल को ठेंगा दिखाते अधिकारियों के शह पर हो रहा भ्रष्टाचार..

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मुंगेली-पथरिया// छत्तीसगढ़ में जब से भूपेश सरकार ने सत्ता की बागडोर संभाली है तब से ही आर्थिक रूप से कमजोर गरीब परिवारों को मजबूत करने के उद्देश्य से अनेकों योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है और गढ़बों नवा छत्तीसगढ़ के सपने को साकार करने की ओर अग्रसर है। लेकिन कुछ ऐसे भ्रष्ट और लापरवाह अधिकारी से लेकर जनप्रतिनिधि उनके इस सपने को चकनाचूर करके तमाचा तो मार ही रहे है साथ ही गरीब तबके के भविष्य को भी खराब कर रहे है। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ग्रामीण गरीब परिवारों को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए नई नई योजनाएं निकालती रहती है। अब इसी योजनाओं में एक और योजना महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क रिपा योजना शामिल हुआ है। जिसके अंतर्गत राज्य में 300 रूरल इंडस्ट्रियल पार्क विकसित किए जाएंगे और ग्रामीण परिवार को आय का स्त्रोत मिल पाता मगर गौठानों में बनाए जा रहे महात्मा गांधी रूरल इंडष्ट्रियल पार्क भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती नजर आ रही है दरअसल, इस काम को res के जरिए सरपंचों से कराना है लेकिन सरपंचों द्वारा इस काम को ठेकेदार से मिली भगत करके भ्रष्टाचार करना शुरू कर दिया है इस योजना की आड़ में सरपंच व ठेकेदारो ने अनुचित तरीके से अपने व्यक्तिगत लाभ जेब भरने के लिए इस महत्त्वकांछी योजना को भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा रहे है।

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आपको बता दे कि प्रदेश सरकार द्वारा 2 अक्टूबर 2022 से प्रदेश के चुनिंदा स्थानों में ग्रामीण औद्योगिक पार्क स्थापना की घोषणा की थी। जिसके परिप्रेक्ष्य में मुंगेली जिले के पथरिया ब्लाक ग्राम सिल्तरा और ग्राम धरदेई में बड़ी राशि खर्च कर योजना को प्रारंभ किया गया है, जो कागजी स्थिति पर 99% पुर्ण की स्थिति में है। विभागीय जानकारी के अनुसार लागत स्वीकृति राशि एक करोड़ चौबीस लाख रुपए है। जिसमे छियानबे लाख भुगतान भी कर दिया गया है।

भ्रष्टाचार का आलम यह है कि इस योजना के संबंध में आमजन को कोई जानकारी नहीं दी जा रही है। क्योंकि गौठान में निर्माण संबंधी जानकारी प्रदर्शित करने वाला बोर्ड भी नहीं लगाया गया है। वहीं दूसरी ओर निर्माण कार्य ग्राम पंचायत से न करवाकर स्थानीय ठेकेदार पुनित साहू से करवाया जा रहा है। जिसके द्वारा घोर लापरवाही बरतते हुए गुणवत्ता की अनदेखी की जा रही है इस योजना में रंगाई पुताई के लिए प्रदेश सरकार ने उच्च क्वालिटी के पेंट व गोबर पेंट को महत्व दिया गया है लेकिन ग्राम सिलतरा में सरपंच ठेकेदार मिलकर लोकल पेंट डिस्टेंपर जैसी पेंटो से पुताई व गुणवत्ताहीन निर्माण कर शासन को चुना लगाने से बाज नहीं आ रहे है। इतना ही नहीं भवन निर्माण में बाहर से तो पोताई कर दिया गया है लेकिन उसके छत में शेड लगाने का काम बाद में किया जा रहा है निर्माण कार्य ऐसा की दीवाल में किया गया प्लास्टर भी उखड़े हुए है। वही संबंधित अधिकारी जो निर्माण कार्य के मुआयना करने की बात करते है आंख बंद कर बड़ी भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे है साथ ही भूपेश सरकार के गढबो नवा छत्तीसगढ़ के सपनो पर तमाचा मार रहे है।

इसी प्रकार हर विकासखंड में आदर्श गोठान स्थापित किए जाने की बात कही गई और जिस पर करोड़ों रुपए खर्च भी किया गया। आज आदर्श गौठानों की दुर्दशा किसी से छिपी नहीं है और ऐसे में रिपा की सफलता पर ना केवल संदेह है बल्कि उसकी स्थापना काल में ही हो रहे भ्रष्टाचार से इसकी विश्वसनीयता पर भी प्रश्न चिह्न खड़ा हो रहा है रिपा योजना में खर्च किए जा रहे राशि और भौतिक रूप से निर्माण की गुणवत्ता जांच योग्य है। इसके संचालन के संबंध में भी स्पष्ट प्रावधान का अभाव है। निश्चित रूप से यह योजना एक बड़ी राशि के दुरुपयोग का प्रतीक बनने वाला है।

वही सिलतारा में रीपा योजना के तहत हो रहे गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य के संबंध में जनपद सीईओ से बातचीत की गई तो उनके द्वारा res विभाग के एसडीओ से बात करने की बात कहकर अपना पलड़ा झाड़ लिया। वही जब एसडीओ से इस संबंध में बात किया गया तो उनके द्वारा अभी निर्माण कार्य पूर्ण नहीं है यदि अनियमितता पाई जाती है तो शेष भुगतान राशि को रोक देने की बात कही गई साथ ही उन्होंने यह कहते हुए पलड़ा झाड़ लिया की यदि कार्य में लापरवाही है तो उसको भी ठीक करवा लिया जाएगा। लेकिन भ्रष्टाचार में शामिल अधिकारी की मजाल है की जिम्मेदार के ऊपर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया जाय।

यहां बताना लाजमी होगा कि अधिकारियों का इस मामले में मौन व्रत रख गोलमोल जवाब देना उनके ही शह में सरपंच और ठेकेदार द्वारा भ्रष्टाचार करना साबित हो रहा है। बता दे कि कुछ ही महीनों में विधानसभा चुनाव भी होने है ऐसे में अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के चंद रुपए के लालच में किया जा रहा भ्रष्टाचार भूपेश सरकार के हार का कारण न बन जाए, इसलिए स्वयं मुख्यमंत्री भूपेश को ऐसे मामले में हस्तक्षेप करने की जरूरत समझी जा रही है। वही अब देखने वाली बात या भी होगी की जिले के पथरिया ब्लॉक में हो रहे भ्रष्टाचार के उजागर होने के बाद जिम्मेदार के ऊपर उच्च अधिकारी द्वारा कार्रवाई किया जाता है उनके द्वारा भी भ्रष्टाचार में लिप्त होकर भ्रष्टाचार में साथ दिया जाता है।

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