चुनावी सभाओं-प्रदर्शनों की निगरानी : वीडियो-वाइस रिकार्डिंग होगी, पुलिस वालों के कंधे-कॉलर में लगेंगे कैमरे..

शेयर करें...

रायपुर/ राज्य में चुनाव के पहले 50 से ज्यादा बॉडी वार्न कैमरे खरीदे जा रहे हैं, जो पुलिसवालों के कॉलर या शोल्डर पर लगे रहेंगे। इन कैमरों से एक घंटे की वीडियो-वाइस रिकार्डिंग होगी, वह भी हाई डेफिनिशन यानी बहुत अच्छी क्वालिटी वाली। विधानसभा चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ पुलिस ऐसे कैमरे खरीदने जा रही है, ताकि उनका उपयोग प्रयोग बड़े धरना-प्रदर्शनों और आंदोलनों की नजदीक से रिकार्डिंग में किया जा सके।

Join WhatsApp Group Click Here

इसे खरीदने की वजह यह भी है कि प्रदर्शनकारी अक्सर चुनाव आते-आते तक बेवजह आक्रामक हो जाते हैं, लोगों की नजर में आने के लिए हंगामा खड़ा रखते हैं और पुलिस से भी उलझने लगते हैं। इसे सभी लोगों की रिकार्डिंग पुलिस बतौर अपने पास रखना चाहती है, इसलिए इन्हें टेंडर वगैरह करके पुलिस मुख्यालय ने खरीदी की प्रक्रिया पूरी कर ली है।

कैमरों की बैटरी क्षमता ज्यादा

बॉडी वार्न कैमरा शर्ट की जेब के पास या कंधे पर लगा सकते हैं। यह कमांड के बाद ऑटोमोड पर तब तक रिकार्डिंग करता रहता है जब तक कि इसकी बैटरी वीक नहीं हो जाती। हालांकि इसकी बैटरी पॉवरफुल है, लंबे समय तक चलती है। पूरी तरह चार्ज होने के बाद यह पांच घंटे तक लगातार रिकार्डिंग कर सकता है। इसमें ज्यादा वीडियो स्टोरेज वाले भी कैमरे आ रहे हैं। पुलिस के अनुसार एक कैमरे की कीमत 50-55 हजार की है। कई बड़ी कंपनियां इस तरह के कैमरे बना रही हैं।

रायपुर में ट्रैफिक पुलिस के पास 30 कैमरे

रायपुर में 30 कैमरों का उपयोग अभी ट्रैफिक पुलिस कर रही है। ट्रैफिक प्रभारी हैं अपनी वर्दी में कैमरे को लगाकर रखते हैं या कुछ ने इसे गाड़ी में ही लगा दिया है। कैमरा लगने से विवाद करने वालों का वीडियो रिकॉर्ड हो जा रहा है। उस आधार पर थाने में केस भी दर्ज किया जा रहा है। पुलिस मुख्यालय ने जो 50 कैमरे खरीदे हैं, जिन्हें फिलहाल दूसरे शहरों को भेजा जा रहा है।

प्रदर्शन में कैमरा क्यों जरूरी

बूढ़ातालाब धरनास्थल के पास कुछ पहले रोजगार की मांग को लेकर बेरोजगार युवाओं ने प्रदर्शन किया। पुलिस ने उनके ऊपर लाठी बरसा दी। पुलिस का दावा था कि प्रदर्शन में शामिल कुछ युवक नशे में थे। वे हंगामा कर रहे थे और पुलिस वालों से उलझ रहे थे, लेकिन उनके पास ऐसे प्रदर्शनकारियों का वीडियो नहीं था। सोशल मीडिया में सिर्फ लाठीचार्ज का वीडियो वायरल हुआ। पुलिस प्रदर्शन में बॉडी वार्न कैमरे लगाकर ड्यूटी करते तो हंगामा करने वालों की पहचान करने में दिक्कत नहीं होती। भाजपा के आंदोलन में भी इस तरह की घटनाएं हुई हैं। इसलिए अब अधिकारी बॉडी वार्न कैमरा का प्रदर्शन पर उपयोग करने पर विचार कर रहे हैं।

50 कैमरों की खरीदी

“पुलिस मुख्यालय ने 50 बॉडी वार्न कैमरे खरीदे हैं। निगरानी समेत इनके बहुत सारे उपयोग हैं। ये कैमरे जिलों की पुलिस को दिए जाएंगे।” -संजय शर्मा, एआईजी ट्रैफिक

Scroll to Top