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बिलासपुर/ गर्मी बढ़ते ही बिलासपुर जिले में जल संकट गहराने लगा है। वॉटर लेवल 100 से 120 फीट नीचे चला गया है। ऐसे में ग्रामीण इलाकों में निस्तारी की समस्या होने लगी है, जिसे देखते हुए खूंटाघाट और घोंघा जलाशय से 15 अप्रैल को पानी छोड़ा जाएगा। इससे सूखते तालाबों में पानी भरा जाएगा और लोगों को राहत मिलेगी।
जिले में मस्तूरी, बिल्हा, तखतपुर के गांवों के साथ ही कई इलाकों में पानी की किल्लत होने लगी है। नदी, नालों के साथ ही अब तालाब भी सूखने लगे हैं, जिससे लोगों को निस्तारी की समस्या होने लगी है। इस संकट से निपटने के लिए तालाबों में पानी जमा करने के लिए खूंटाघाट और घोंघा जलाशय से पानी उपलब्ध कराने की मांग की जा रही थी। क्षेत्र के लोगों के साथ ही जनप्रतिनिधियों ने भी जल संसाधन विभाग के अफसरों से बांध से पानी छोड़ने की मांग की थी।
कई गांवों में वॉटर लेवल 100 से 120 से नीचे चला गया है। ऐसे में वहां हैंडपंप ड्राई हो गए हैं। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की टीम ऐसी जगहों में पाइप जोड़कर हैंड पंप से पानी निकालने की कोशिश भी कर रहे हैं।
फसलों की सिंचाई किया गया है प्रतिबंधित
गर्मी के चलते तालाबों में पानी या तो कम होने लगा है या फिर सूख चुके हैं। वहीं, सरकार ने पूर्व में ही रबी की फसलों की सिंचाई के लिए बांधों के पानी के उपयोग को प्रतिबंधित लगा चुकी है। इस स्थिति में बांधों से अब केवल निस्तारी के लिए पानी दिया जा सकेगा, जिससे कि नहर किनारे बसे गांवों के तालाबों में पानी भरा जा सके। विभाग ने अपने मैदानी अमले को भी निर्देश दिया है कि पानी का उपयोग सिर्फ तालाबों के भरने में हो। किसी तरह उसका दुरूपयोग न हो।