जल जीवन मिशन के तहत पाइप लाइन के लिए खोदी गई सड़को के रेस्टोरेशन का कार्य जल्द पूरा करने के निर्देश, विलंब करने वाले ठेकेदारों से बिल भेज कर की जाए वसूली, सभी कलेक्टरों को पत्र जारी..

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रायपुर/ विधानसभा के बजट सत्र में कई विधायकों ने आरोप लगाया कि उनके क्षेत्र में पानी के लिए पाइप लाइन बिछाने के बाद सड़क खोदकर छोड़ दी गई है। जल जीवन मिशन में काम कर रहे ठेकेदारों की लापरवाही से प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना, मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना, गौरव पथ और ग्राम पंचायत द्वारा निर्मित सड़कों हाल खराब हैं।

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इस पर जल जीवन मिशन के संचालक आलोक कटियार ने सभी कलेक्टर को पत्र लिखकर कहा है कि सड़कों के रेस्टोरेशन का काम ठेकेदारों से जल्द पूरा कराया जाए। अगर कोई विलंब करता है तो संबंधित विभाग से रेस्टोरेशन करवाकर बिल ठेकेदार को भेजकर उससे वसूली की जाए।

कटियार ने कलेक्टर्स को यह भी लिखा है कि कई जिलों में कार्यों की गति बहुत धीमी है। ऐसे में नियमित समीक्षा की जाए। जो काम बंद पड़े हैं उन्हें चालू करवाए जाएं, अगर ठेकेदार काम न करें तो उन पर ब्लैक लिस्टेड जैसी कार्रवाई की जाए। बता दें कि जिले के कलेक्टर ही जिला जल एवं स्वच्छता मिशन के अध्यक्ष होते हैं। इनके अनुमोदन के बाद ही ठेकेदार को भुगतान किया जाता है।

हर हाल में गर्मी में चालू हो जाए गांव के नल

गांवों में जितने भी नल कनेक्शन लगाए जा चुके हैं, उन्हें हर हाल में गर्मी के दौरान चालू कर देना है। कटियार ने कलेक्टरों को यह भी निर्देशित किया है कि अगर किसी गांव में टंकी निर्माण का कार्य चल रहा है तो वहां बिछाई गई पाईप लाइन को पंप से जोड़कर नल कनेक्शन को चालू कर दिया जाए। इससे पेयजल संकट से निपटा जा सकेगा।

अनुमति देने में न करें देरी

कटियार ने इस मुद्दे को भी उठाया है कि दूसरे विभागों से अनुमति न मिलने की वजह से पाईप लाइन के कार्य कई जगहों पर पूर्ण नहीं हो पा रहे हैं। ऐसे में कलेक्टर्स को रोड क्रासिंग, नहर क्रासिंग, रेलवे क्रासिंग और वन क्षेत्र में समय पर अनुमति प्रदान किये जाने के लिए समय सीमा की बैठकों में संबंधित विभाग से आवश्यक पहल करवानी चाहिए। इससे हर घर तक जल पहुंचना संभव हो पाएगा।

ईई के भौतिक सत्यापन के बाद ही करें भुगतान

कटियार ने कलेक्टर को अपने पत्र में यह भी कहा है कि किसी भी ठेकेदार को भुगतान तभी होने दें जब ईई 10 फीसदी भौतिक सत्यापन किये जाने का प्रमाण पत्र दे। पत्र में उन्होंने लिखा है कि अनेक जिलों से अभी भी कार्यों की गुणवत्ता को लेकर शिकायतें मिल रही हैं। हर कलेक्टर को गुणवत्ता नियंत्रण हेतु अन्य निर्माण विभागों के अधिकारियों की टीम बना कार्यों का सत्यापन कराना चाहिए। किसी भी प्रकार की कमी पाए जाने पर ठेकेदार पर तत्काल कार्रवाई की जाए।

“सभी कलेक्टर को पत्र लिखा गया है कि जल जीवन मिशन के काम को तेजी से किया जाए। जहां सड़कें खुदी हैं, उनके रेस्टोरेशन का काम तुरंत हो। हमारा उद्देश्य है कि हर घर तक जल पहुंच सके और राज्य में कोई प्यासा न रहे।” – आलोक कटियार, मिशन संचालक, जल जीवन मिशन

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