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रायपुर// प्रदेश के अधिकतर बड़े जिलों की सड़कें बदहाल हैं। पिछले दिनों रायगढ़ जिले के दौरे पर निकले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सामने सड़कों की खराब स्थिति की कई शिकायतें आईं जिसके बाद सीएम ने पीडब्ल्यूडी के मुखिया ईएनसी को पद से हटा दिया। खराब सड़कों की शिकायत के बाद जब पड़ताल की गई तब पता चला कि छोटी-बड़ी मिलाकर करीब 350 से अधिक सड़कों की हालत खस्ता है।
इसमें बिलासपुर, रायगढ़, कोरबा, सरगुजा, जशपुर, पत्थलगांव में सड़कों के खराब होने की शिकायतें सबसे ज्यादा है। क्योंकि यहां पर लंबे समय से सड़कों का रखरखाव नहीं हो रहा था, साथ ही नई सड़कों का निर्माण भी शुरू नहीं किया जा रहा था। लोगों का कहना है कि जिम्मेदार अफसरों से कई बार सड़कों की खस्ताहाल की शिकायतें की जा चुकी है लेकिन वे अपनी जिम्मेदारी दूसरे विभागों पर डाल देते थे। पत्थलगांव से लुडेंग जाने वाली सड़कों पर चलने वाले कराह उठते है। बारिश के दिनों में इस मार्ग पर चलना जान जोखिम में डालने से कम नहीं है। कभी भी कोई भी किसी गड्ढे में गिर सकता है।
- छग ग्रामीण सड़क के तहत होंगे 5500 करोड़ से ज्यादा के निर्माण।
- मुख्यमंत्री सुगम सड़क योजना के 495 करोड़ से बनेंगी 435 सड़कें।
- एलडब्ल्यूई के तहत 291 सड़कें बनेंगी।
- रायगढ़, सरगुजा, जशपुर की 200 से ज्यादा सड़कें खराब।
- अकेले रायगढ़ जिले में 437 करोड़ के ज्यादा काम होने हैं।
- सड़कों की मरम्मत के लिए 700 करोड़ जारी पर अभी तक टेंडर भी नहीं हो पाए।
- पिछले साल बनी 150 से ज्यादा सड़कें बारिश में टूटी।
विभाग में बड़े स्तर पर हो सकते हैं तबादले
सीएम ने ईएनसी को तत्काल प्रभाव से हटाकर पीडब्ल्यूडी अफसरों को साफ मैसेज दे दिया है कि अगर सड़कें नहीं सुधरी तो कई और बड़े अफसर नपेंगे। सूत्रों की मानें तो जिन जिलों में लंबे समय से सड़कों की शिकायतें आ रही थीं और सुधार नहीं हो रहा था, वहां के अफसर और कर्मचारियों के बड़े स्तर पर तबादले होंगे। बताते हैं कि हटाए गए ईएनसी की सबसे बड़ी शिकायत यह थी कि जनप्रतिनिधियों के पत्र लिखने के बावजूद वह यह कहकर टाल देते थे कि सड़कें एनएच में आती हैं, इसका निर्माण या मरम्मत हम नहीं कर सकते।
यहां तो सड़क ढूंढना मुश्किल
रायगढ़ से गेरवानी मार्ग पर सड़क खोजने से भी नहीं मिलती। राडभरा- खरसिया-चंद्रपुर रोड की दूरी करीब 41 किमी है। इस सड़क पर चलना किसी परीक्षा से कम नहीं है। करीब 21 किमी का रोगदा- बिरगहनी रोड, नैला से पंतोरा राेड और करीब 36 किमी का जांजगीर- केरा रोड की स्थिति भी बहुत खराब है। जशपुर की कुनकुरी-लवकेरा मार्ग की हालत भी खराब है। पुलैता चौक से तमता पंडरीपानी, बगीचा से चराईडांड़ में सरकोम्बो तक सड़क बदहाल है। कोतबा बंदरचुवा सड़क मरम्मत के बाद भी चलने लायक नहीं है। राजमार्ग 43 खराब होने के कारण लावाकेरा, कोतबा मार्ग पर आवागमन अधिक हो रहा है।