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राजनांदगांव// अति संवेदनशील और सुरक्षित जगह माने जाने वाले छात्रावास अब शिक्षा से जुड़े सरकारी महकमे और हॉस्टल की सुरक्षा का जिम्मा उठाने वालो के लिए ही मौज मस्ती का अड्डा बन गए है। बालिका छात्रावास जहां पालकों को अपने बच्चों से मिलने प्रवेश द्वारा पर ही मुलाकात करना पड़ता है।अंदर प्रवेश करने अनुमति नहीं दी जाती है और अधीक्षिका के स्वयं के परिवार के पुरूष सदस्यों को छात्रावास की सुरक्षा की दृष्टि से रहने नहीं दिया जाता है। वहां अधीक्षिका और अधीक्षक रंगरैलिया करते पकड़े जाते है और पुलिस विभाग को इसकी भनक तक नहीं लगने दी जाती, चूकि यह विभाग ऐसे संगीन कृत्य को दबाने में लगा हुआ है।
छत्तीसगढ़ पैरेंट्स एसोसियेशन के जिलाध्यक्ष त्रिगुण सादानी ने उपरोक्त मामले पर खेद जाहिर कर शिकायत दर्ज कराई है। अपनी शिकायत में उच्च अधिकारियों और पुलिस को बताया है कि अनुसूचित जाति-जनजाति परियोजना बालिका छात्रावास बल्देवबाग, जिला-राजनांदगांव की अधीक्षिका और शासकीय पोस्ट मेट्रिक अनुसूचित जाति बालक छात्रावास नंदई जिला-राजनांदगांव के अधीक्षक गणेश रामटेक के द्वारा दिनांक 20 मई 2022 को अनुसुचित जाति-जनजाति परियोजना बालिका छात्रावास बल्देवबाग, राजनांदगांव शहर के अंदर रंगरलियां और अश्लील हरकत करने की शिकायत हुई थी। जिसकी जांच संयुक्त कलेक्टर के द्वारा की गई और शिकायत की पुष्टि होने के पश्चात् जिला शिक्षा अधिकारी राजनांदगांव ने अनुसुचित जाति-जनजाति परियोजना बालिका छात्रावास बल्देवबाग, राजनांदगांव की अधीक्षिका को 27 मई 2022 को निलंबित कर दिया और गणेश रामटेके को डीपीआई, दुर्ग ने दिनांक 31 मई को निलंबित कर दिया है। लेकिन इसकी सूचना जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा पुलिस विभाग को नहीं दिया गया। जो कि सुरक्षा की दृष्टिकोण बेहद चौकाने वाला मामला है। चारित्रिक दृष्टिकोण से भी अगर देखा जाए तो इस तरह के सरकारी महकमे के जिम्मेदार लोग यही सब कृत्यों में लिप्त रहेंगे तो बच्चों को सदाचार की शिक्षा आखिर कौन देगा..? यह जवलंत प्रश्न है। जबकि इन दोनों के विरूद्ध उच्च अधिकारियों को तत्काल पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज कराया जाना था।



