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रायपुर// रायपुर शहर के फायर स्टेशन में एक बड़ी लापरवाही उजागर हुई है। शुक्रवार की शाम देवपुरी इलाके में एक आगजनी की घटना हुई। कमल विहार से थोड़ी दूर पर स्थित नीलगिरी के एक छोटे से जंगल में आग लग गई थी। फायर स्टेशन पर इमरजेंसी कॉल में मदद मांगी गई तो स्टेशन पर मौजूद कर्मचारियों ने स्टाफ की कमी की बात कही।
पुलिस कंट्रोल रूम से वायरलेस सेट पर फॉरन रेस्क्यू टीम बुलाने को कहा गया और इधर कर्मचारी स्टाफ कम होने की बात कहते रहे। कंट्रोल रूम से वायरलेस सेट पर फायर स्टेशन के कर्मचारियों को फटकार लगाई गई। तब कुछ देर बाद एक रेस्क्यू टीम फायर स्टेशन से रवाना हुई। सूत्रों से मिली पुख्ता जानकारी के मुताबिक आगजनी के केस में ड्राइवर, फायर फाइटर, हेल्पिंग स्टाफ को भेजा जाता है। मगर कर्मचारियों की कमी की वजह से स्टेशन में उस वक्त मौजूद दूसरे कर्मचारियों को ही मौके पर भेज दिया गया। अव्यवस्था की वजह से वायरलेस सेट पर पुलिस कंट्रोल रूम और फायर स्टेशन कर्मचारियों के बीच कुछ देर के लिए तीखी बहस भी हुई। करीब 15 से 20 मिनट की देरी के बाद घटनास्थल पर रेस्क्यू टीम एक फायर ब्रिगेड की गाड़ी के साथ पहुंची और आग बुझाई।
जिस वक्त यह सब कुछ हो रहा था उस वक्त नवा रायपुर के प्राइवेट रिसोर्ट मेफेयर में फायर ब्रिगेड की एक गाड़ी यूं ही खड़ी हुई थी। खबर है कि प्राइवेट रिजॉर्ट के आयोजकों ने अपने निजी कार्यक्रम में सुरक्षा व्यवस्था के लिए इस फायर बिग्रेड को बुलवाया था। हादसे के वक्त रायपुर के पुलिस लाइन स्थित हेलीपैड पर प्रशासनिक ड्यूटी पर फायर ब्रिगेड की दूसरी टीम मौजूद थी। मगर टिकरापारा के फायर ब्रिगेड स्टेशन पर अधिकारी और बहुत से कर्मचारी नदारद थे।
विभागीय सूत्रों के मुताबिक यहां अफसर और कर्मचारी अपनी मनमानी से ड्यूटी करने पहुंचते हैं। आला अफसर भी यहां पर जांच करने कभी नहीं आते, इसलिए अपनी मनमानी से फायर स्टेशन से जुड़े अधिकारी ड्यूटी पर आते -जाते रहते हैं। इसी वजह से शुक्रवार की शाम अव्यवस्था की स्थिति बन गई।
रायपुर के फायर स्टेशन में निजी कार्यक्रमों में फायर बिग्रेड भेजी जा रही है। इसके लिए एक प्रशासनिक शुल्क दिया जाता है। रसीद कटवा कर निजी कार्यक्रमों के आयोजक फायर ब्रिगेड को अपने कार्यक्रमों में ले जा सकते हैं। शुक्रवार की शाम इसी तरह से मेफेयर रिजॉर्ट के लिए एक फायर ब्रिगेड भेजी गई थी। सरकार के बड़े मंत्री या बड़े आयोजनों में जहां वीआईपी मूवमेंट होता है, वहां प्रशासनिक ड्यूटी के तहत फायर ब्रिगेड फ्री में भेजी जाती है।



