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मुंगेली// जिले में स्थित अचानकमार टाइगर रिजर्व अभी पर्यटकों के लिए नहीं खुलेगा। अधिकारियों का कहना है कि इलाके में हुई अधिक बारिश की वजह से टाइगर रिजर्व खोलने में देरी हो रही है। कब तक खुलेगा यह भी नहीं बताया जा सकता है। हर साल 4 महीने बंद रहने के बाद 15 अक्टूबर को अचानकमार टाइगर रिजर्व खोल दिया जाता था।
एटीआर के गेट को हर वर्ष बरसात के पूर्व 15 जून से लेकर 15 अक्टूबर तक सैलानियों के लिए बंद कर दिया जाता है। ये समय जंगली जानवरों के लिए प्रजनन काल भी होता है। ऐसे में जानवरों के प्रजनन काल को देखते हुए देशभर के टाइगर रिजर्व कुछ माह के लिए बंद कर दिए जाते हैं।
इस बार अधिकांश टाइगर रिजर्व के गेट 1 अक्टूबर से सैलानियों के लिए खोल दिए गए हैं। लेकिन एटीआर के जंगल के अंदर सड़कों की हालत और अधिक बारिश की वजह से एटीआऱ प्रबंधन फिलहाल गेट खोलने तैयार नहीं है। वहीं एटीआर के डिप्टी डायरेक्टर सत्यदेव शर्मा ने बताया है कि आने वाले कुछ दिनों तक एटीआर के गेट नहीं खोले जाएंगे। गेट खोलने की असल तारीखों को भी नहीं बताया जा सकता। उन्होंने कहा कि गेट खोलने को लेकर पीसीसीएफ के आदेश का इंतेजार किया जा रहा है।
अचानकमार टाइगर रिजर्व क्या है?
अचानकमार अभ्यारण्य की स्थापना 1975 में की गई थी। 2007 में इसे बायोस्फीयर घोषित किया गया और 2009 में बाघों की बढ़ती संख्या के चलते अचानकमार अभ्यारण्य को टाइगर रिजर्व क्षेत्र घोषित कर दिया गया था। अचानकमार टाइगर रिजर्व की गिनती देश के 39 टाइगर रिजर्व में होती है। यहां बाघ, तेंदुआ, गौर, उड़न गिलहरी, जंगली सुअर, बायसन, हिरण, भालू, लकड़बग्घा, सियार, चार सिंग वाले मृग, चिंकारा सहित बड़ी संख्या में जंगली जानवर हैंं। इतना ही नहीं मैकल पर्वत श्रृंखला पर 553.286 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में अचानकमार टाइगर रिजर्व फैला हुआ है । जहां जैव विविधता पायी जाती है। यहां 200 से भी अधिक विभिन्न प्रजातियों के पक्षी भी पाए जाते हैं।



