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कोरबा// खुरहा-चपका बीमारियों से परेशान मवेशियों को टीका लगने के बाद 50 मवेशियों की मौत हो गई वही अनेक मवेशी गंभीर हालत में हैं। इस मामले में पाली तानाखार विधायक मोहित राम केरकेट्टा ने जांच के आदेश दिए हैं। जांच में यह भी निर्देशित शामिल है की पशु चिकित्सक की लापरवाही इस मामले में कितने जिम्मेदार हैं।
यह सनसनीखेज मामला उस समय उजागर हुआ जब पाली तानाखार विधायक मोहितराम केरकेट्टा मुख्यमंत्री अधोसंरचना एवं उन्नयन विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष बनने के बाद पहली बार क्षेत्र के दौरे पर निकले थे। सोमवार को अपने समर्थको के साथ कोरबी प्रवास पर थे मोहित केरकेट्टा स्थानीय रेस्ट हाउस में ग्रामिणों मुलाकात कर रहे थे इसी दौरान गाँव के लगभग एक दर्जन से अधिक किसानों ने उनसे मुलाकात की। उन्होंने विधायक मोहितराम केरकेट्टा को बताया कि बरसात से पूर्व मवेशियों में होने वाली बीमारी की रोकथाम के लिए पशु चिकित्सा विभाग द्वारा टीकाकरण किया जा रहा है। उनके गांव में पिछले हफ्ते मंगलवार को मविशियों का टीकाकरण किया गया था उसके दूसरे दिन से ही गायों की मौत का सिलसिला शुरू हो गया।

कोरबी गाँव के ही देवनारायण की 22 गायों की मौत के साथ पूरे गाँव में 50 गायों की मौत हो चुकी है और लगभग 100 गायों की स्थिति गंभीर बनी हुई है। ग्रामिणों ने क्षेत्रीय विधायक मोहितराम केरकेट्टा को फोरटी फाइट प्रोकेन नामक दवा को भी दिखाया। किसानों का कहना है कि मवेशियों की मौत पर पोस्टमार्टम तथा जाँच की प्रक्रिया पूरी तो की गई लेकिन इस घटना से उन्हें पशुधन का भारी नुकसान हुआ है जिसकी भरपाई सम्भव नहीं है।
ग्रामिणों ने इस घटना में पशु चिकित्सा विभाग के चिकित्सक समेत कर्मचारियों पर लापरवाही का आरोप भी लगाया। उनका कहना है कि मवेशियों का टीकाकरण पशु चिकित्सक बी एस उरांव अधीनस्थ कर्मचारी धरम कंवर द्वारा किया गया है। ग्रामीणों ने मवेशियों की मौत की वजह टीकाकरण होने से भी इंकार नहीं किया जा सकता है।
विधायक ने दिए जांच के निर्देश…
विधायक मोहितराम केरकेट्टा ने कहा कि पशुओं की मौत बेहद दुखद घटना है “इस पूरे मामले की पुनः जाँच होगी, मवेशियों की मौत किन कारणों से हुई यह पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद स्पष्ट हो जाएगा, लेकिन हुआ वह बेहद दुखद है।”
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