प्रदेश में अब सभी मानसिक रोगी नहीं भेजे जायेंगे सेंदरी अस्पताल,स्वस्थ्य सचिव ने जारी किया दिशा निर्देश

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रायपुर/ स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा सभी जिलों से मानसिक रोगियों को राज्य मानसिक स्वास्थ्य चिकित्सालय, सेंदरी नहीं भेजने की सलाह दी है. स्वास्थ्य सचिव निहारिका बारीक़ सिंह द्वारा जारी एक आदेश में जानकारी दी गयी है कि जिलों में संचालित शासकीय एवं स्वयंसेवी संस्थानों द्वारा घुमंतु व्यक्तियों को राज्य मानसिक स्वास्थ्य चिकित्सालय, सेंदरी बिलासपुर में भर्ती के लिए भेजा जा रहा है, जो सही नही है.

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स्वास्थ्य सचिव निहारिका बारिक सिंह ने इस सम्बन्ध में दिशा निर्देश जारी करते हुए कहा कि “वर्तमान में कोविड -19 की परिस्थिति को देखते हुए राज्य के समस्त सिविल सर्जन एवं अस्पताल अधीक्षक, जिला अस्पताल में अधीन मनोरोग चिकित्सक अथवा वीकेएन प्रशिक्षण प्राप्त चिकित्सा अधिकारी के द्वारा घुमंतु व्यक्तियों की मानसिक जांच एवं कोरोना वायरस टेस्ट जांच कराये जाने के पश्चात सामान्य दशा हो तो उन्हें जिले में संचालित स्वयं सेवी संस्थानों में रखा जाए. जिनकी मानसिक अवस्था ठीक नहीं है, उन्हें राज्य मानसिक स्वास्थ्य चिकित्सालय, सेंदरी रिफ़र किया जाए,


राज्य मानसिक स्वास्थ्य चिकित्सालय, सेंदरी के अधीक्षक, डॉ बी आर नंदा के अनुसार सभी मानसिक रोगियों को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं होती है. केवल उन्ही रोगियों को जो हिंसक होते हैं या खुद को क्षति पहुंचाने की कोशिश कर सकते हैं उन्हें ही भर्ती करवाया जाता है, बाक़ी रोगियों का उपचार उनके घर पर,शेल्टर होम्स में या फिर स्वयं सेवी संस्थानों में रह कर ही हो सकता है.

वही डॉ नंदा ने कहा कि अस्पताल में वीडियो द्वारा परामर्श और टेली मेडिसिन की सुविधा भी दी जा रही है जिसका लाभ सभी उठा सकते हैं. डॉ मल्लिकार्जुन राव, मनोरोग विशेषज्ञ, सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक दूरभाष नंबर: 8354066436 पर उपलब्ध रहते हैं. उन्होंने कहा घुमंतु व्यक्तियों को बिना कोविड-19 टेस्ट के सेंदरी भेजना, अस्पताल में भर्ती रोगियों के लिए मुश्किल पैदा कर सकता है. डॉ नंदा ने कहा कि पिछले दिनों में देखा गया है कि लगभग सभी जिलों से घुमंतु व्यक्तियों को सेंदरी रेफर किया जा रहा है, हालांकि इनका उपचार उनके गृह जिले में ही हो सकता था. प्रदेश के सभी जिलों में कम से कम एक मेडिकल ऑफिसर को बेंगलुरु-स्थित नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंसेज (NIMHANS) द्वारा प्रशिक्षित किया गया है. इसके अलावा कुछ जिलों में मनोरोग विशेषज्ञ उपलब्ध है और हर मेडिकल कॉलेज में मनोरोग वार्ड और मनोरोगियों के उपचार की व्यवस्था भी है.

डॉ नंदा ने बताया कि सेंदरी के चिकित्सालय में इस समय लगभग 150 गंभीर मानसिक रोगी भर्ती हैं और इनको कोविड-19 से भी बचाना अस्पताल प्रबंधन की ही ज़िम्मेदारी है. मनोरोग विशेषज्ञ डॉ राव के अनुसार पिछले दिनों में अस्पताल आने वाले रोगियों की संख्या में बहुत वृद्धि हुई है.

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