रायगढ़ : दूसरे राज्य से ट्रेन व सड़क के रास्ते आने वालों को जाना होगा क्वारेंटीन सेंटर, ग्राम पंचायत स्तर पर क्वारेंटीन सेंटर बनाने सभी एसडीएम, सीईओ, सीएमओ को दिए कलेक्टर सिंह ने निर्देश..

शेयर करें...

रायगढ़/ ट्रेन व सड़क मार्ग से दूसरे राज्य से जिले में पहुंचने वालों को क्वारेंटीन सेंटर में रहना होगा। कोविड-19 प्रोटोकॉल का अनिवार्य रूप से पालन करना होगा। नगरीय निकाय एवं ग्राम पंचायत स्तर पर क्वारेंटीन सेंटर स्थापित करने के निर्देश कलेक्टर भीम सिंह ने सभी एसडीएम, जनपद सीईओ व सीएमओ को दिए हैं।

कलेक्टर भीम सिंह ने कोविड-19 रोकथाम, नियंत्रण, इलाज की व्यवस्था और वैक्सीनेशन पर स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक ली। इस दौरान शासन के निर्देशानुसार दूसरे राज्य से जिले में ट्रेन व सड़क माध्यम से पहुंचने वाले लोगों का अनिवार्य रूप से कोविड-19 जांच करने के निर्देश दिए गए। इस दौरान लक्षण पाए जाने वाले यात्रियों की कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती करने या फिर होम आइसोलेट करने के निर्देश दिए गए। इसी तरह जिनकी रिपोर्ट नेगेटिव आती है उन्हें 7 दिनों तक क्वारेंटीन सेंटर में रहना होगा। इसके लिए कलेक्टर सिंह ने शहर, नगरीय निकाय एवं ग्राम पंचायत स्तर पर क्वारेंटीन सेंटर बनाने के निर्देश सभी एसडीएम, जनपद पंचायत सीईओ एवं नगरीय निकाय सीएमओ को दिए गए। दूसरे राज्य से आने वालों को संबंधित ग्राम पंचायत तक छोडऩे के लिए वाहनों की व्यवस्था करने ज्वाइंट कलेक्टर सुमित अग्रवाल को निर्देशित किया गया। इस दौरान क्वारेंटीन सेंटर में पानी, लाइट, भोजन, गद्दे एवं लोगों के रहने आदि की व्यवस्था भी सुनिश्चित करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए गए।

बैठक में कलेक्टर सिंह ने कोविड-19 की इलाज को लेकर जिले के अस्पतालों में उपलब्ध बेड की संख्या पर चर्चा की। इस दौरान बताया गया कि एमसीएच, मेडिकल कॉलेज, केआईटी, जिंदल हॉस्पिटल, अपेक्स हॉस्पिटल, बालाजी, मेट्रो, जेएमजे मॉर्निंग, राजप्रिय हॉस्पिटल, सिद्धेश्वर नेत्रालय, राधा कृष्णा केयर, शिव हॉस्पिटल एंड डायग्नोस्टिक सेंटर और लोकेश हॉस्पिटल इन सभी में कोविड मरीजों के इलाज के लिए कुल 1534 बेड वर्तमान में उपलब्ध है। इसमें 56 बेड आईसीयू और 404 बेड ऑक्सीजनेटेड बेड हैं, बाकी 1074 सामान्य बेड है, जहां आवश्यकता पडऩे पर ऑक्सीजन सिलेंडर लगाकर ऑक्सीजनेटेड बेड बनाया जा सकता है। कलेक्टर भीम सिंह ने रेमडेसीविर की उपलब्धता की भी समीक्षा की। कलेक्टर सिंह ने ड्रग इंस्पेक्टर और सीजीएमएससी के अधिकारियों को मांग के अनुरूप प्राइवेट एवं निजी अस्पतालों में रेमडेसीविर सप्लाई कराने सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। रेमडेसीविर इंजेक्शन की शॉर्टेज को देखते हुए कलेक्टर सिंह ने पूर्ण एनालाइज कर ही आवश्यकता के अनुरूप मरीजों को रेमडेसीविर इंजेक्शन लगाने की बात कही। इसी तरह सभी अस्पतालों प्रबंधकों से कोविड-19 इलाज के लिए आवश्यक दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करने की बात कलेक्टर सिंह ने कही।

बैठक मेंं जिला पंचायत सीईओ डॉ.रवि मित्तल, कोविड नोडल अधिकारी डॉ.योगेश पटेल, डॉ.भानु सहित निजी अस्पताल प्रबंधक और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में ब्लॉक, तहसील और नगरीय निकाय के अधिकारी भी वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुये।

एकल व कलस्टर में करना होगा कंटेनमेंट घोषित

कलेक्टर भीम सिंह ने सभी एसडीएम को कहा कि कहा कि यदि एक घर में पॉजीटिव मरीज आता है तो केवल उसी घर को एकल कंटेनमेंट जोन घोषित करना है। इसी तरह यदि मोहल्ले में कई घरों या पॉजीटिव की संख्या पांच है तो कलस्टर कंटेनमेंट जोन घोषित करना है। कलेक्टर सिंह ने सभी एसडीएम को निर्देशित किया कि कोविड-19 की संख्या 5 या फिर उससे कम के आधार पर एकल या कलस्टर कंटेनमेंट जोन घोषित करना होगा।

कबीर चौक में होगी कोरोना जांच शुरू

बैठक के दौरान कोविड जांच केन्द्रों में इन दिनों जांच कराने वालों की भीड़ लगने की बात सामने आई। इसी तरह ओवर ब्रिज के आसपास एक भी जांच केन्द्र नहीं होने की बात कही गई। इस पर कलेक्टर सिंह ने एमपीडब्ल्यू स्टाफ की व्यवस्था कर कबीर चौक में जल्द कोविड जांच सेंटर स्थापित करने के निर्देश सीएमएचओ डॉ. एस.एन. केशरी को दिए।

डाक्टर व अन्य स्टाफ की भर्ती जल्द करें

बैठक के दौरान कोविड मरीजों के इलाज व जांच के लिए पर्याप्त स्टाफ व संसाधनों की व्यवस्था के संबंध में कलेक्टर भीम सिंह ने इंटर्नशीप पूर्ण करने वाले मेडिकल कालेज के डाक्टरों को बांड पर नियुक्ति आदेश जारी करने के निर्देश मेडिकल कालेज के डीन को दिए। इसी तरह एमपीडब्ल्यू, टेक्नीशियन, स्टाफ नर्स के पद जो कोविड को देखते हुए डीएमएफ और एनआरएचएम से स्वीकृत है उसकी भर्ती प्रक्रिया जल्द पूर्ण करने के निर्देश कलेक्टर सिंह ने सीएमएचओ को दिए।

जांच रिपोर्ट के बाद ही करें इलाज

बैठक में कई ऐसे मरीज जिनमें कोविड 19 के लक्षण हैं, लेकिन वे बिना जांच के ही शहर के डाक्टरों से इलाज करा रहे हैं। ऐसे मरीजों को जांच कराने की सलाह तो डाक्टरों द्वारा दी जा रही है, लेकिन इसके बाद भी मरीज वायरल का दवाई लेकर जांच नहीं करा रहे हैं। कई ऐसे पेसेंट के गंभीर स्थिति में अस्पताल में भर्ती होने और उनकी मृत्यु होने की बात सामने आई। इस पर कलेक्टर भीम सिंह ने जिले के सभी डाक्टरों के लिए लक्षण वाले मरीजों की इलाज बिना कोविड-19 जांच के नहीं करने संबंधित आदेश जारी करने के निर्देश दिए।

ड्यूटी करने वाले डाक्टरों और स्टाफ की होगी जांच

बैठक के दौरान कलेक्टर भीम सिंह ने इलाज के लिए डॉक्टर व स्टाफ की ड्यूटी के संंबंध में चर्चा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि सभी अस्पताल के डाक्टर, नर्सिंग स्टाफ व अन्य मेडिकल स्टाफ वर्तमान में बहुत अत्यावश्यक सेवा कर रहे हैं। इस महामारी के दौर में मरीजों की जान बचाने जैसे विश्व का सबसे महान कार्य वर्तमान में डाक्टर और मेडिकल स्टाफ ही कर रहे है। ऐसे में उन्हें अपने दायित्वों का निर्वहन पूर्ण ईमानदारी से करनी चाहिए। इस दौरान उन्होंने सीएमएचओ को सभी अस्पताल में कोविड-19 के लिए ड्यूटी पर लगे डाक्टर, मेडिकल स्टाफ आदि की जांच शिफ्ट वाइस करने अधिकारियों की ड्यूटी लगाने के निर्देश दिए।
हर रोज का सहीं डाटा अपलोड करें

बैठक के दौरान कोविड-19 की जांच कराने वाले कई ऐसे लोगों द्वारा गलत मोबाइल नंबर देने और कई लोगों के पाजीटिव आने के बाद भी उनसे संपर्क नहीं होने की बात सामने आई। इस पर कलेक्टर सिंह ने सही मोबाइल नंबर देने और मोबाइल पर मिस्ड कॉल देकर नंबर जांच के बाद ही कोविड-19 जांच की सैंपल लेने के निर्देश सीएमएचओ को दिए। इसी तरह गलत मोबाइल नंबर देने और पहचान छुपाने वाले लोगों के नाम पुलिस को देने के निर्देश कलेक्टर श्री सिंह ने सभी बीएमओ और डाटा प्रभारी को दिए। कलेक्टर सिंह ने हर रोज पॉजीटिव, होम आईसोलेशन और अनट्रेस की संख्या वेबसाइट्स पर सही अपलोड करने के निर्देश दिए।

Scroll to Top