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अंबिकापुर// छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले से मानवता को शर्मसार कर देने वाली एक हृदयविदारक घटना सामने आई है। सिलसिला गांव में डबरी में डूबने से दो मासूम बच्चों की मौत हो गई। लेकिन दुःख की इस घड़ी में भी सिस्टम की संवेदनहीनता ने परिजनों को और ज्यादा पीड़ा दी। पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल पहुंचे परिजनों से डॉक्टर ने एक-एक शव के लिए 10 हजार रुपये की मांग कर दी। जब पैसे नहीं मिले, तो पोस्टमार्टम करने से इनकार कर दिया गया।
घटना रघुनाथपुर पुलिस चौकी क्षेत्र के ग्राम सिलसिला की है। रविवार शाम दो बच्चे खेलते-खेलते गांव के पास बनी डबरी (छोटा जलाशय) में डूब गए। बच्चों की मौत से गांव में मातम छा गया। परिजन जैसे-तैसे बच्चों के शव को बाइक में रखकर रघुनाथपुर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे। लेकिन शाम हो जाने के कारण डॉक्टर ने पोस्टमार्टम करने से इनकार कर दिया। थके-हारे परिजन शव वापस गांव ले गए।
सोमवार सुबह परिजन दोबारा बच्चों के शव को लेकर बाइक से अस्पताल पहुंचे, तो डॉक्टर ने इस बार 10 हजार रुपये प्रति शव की मांग की। जब परिजनों ने विरोध किया और पैसे देने में असमर्थता जताई, तब डॉक्टर ने 5 हजार रुपये मांगे। इस अमानवीय मांग की खबर मीडिया में आने के बाद काफी देर तक टालमटोल के बाद पोस्टमार्टम तो किया गया, लेकिन इसके बाद भी शव वाहन नहीं दिया गया। मजबूरी में परिजन एक बार फिर बच्चों के शवों को बाइक में रखकर घर ले गए।
पीड़ित परिवार ने मीडिया से बातचीत में बताया कि उन्हें बार-बार अपमानित किया गया और किसी भी स्तर पर प्रशासन ने सहयोग नहीं किया। वहीं जब मीडिया ने डॉक्टर से सवाल पूछा तो उन्होंने कैमरे से भागने की कोशिश की और कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।
वहीं, सरगुजा के सीएमएचओ पी.एस. मार्को, जिन्होंने इस पूरे सिस्टम की जवाबदेही संभालनी थी, डॉक्टर के इस अमानवीय व्यवहार को बचाते नजर आए। उन्होंने डॉक्टर के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई की बात नहीं की, बल्कि स्थिति को सामान्य बताते रहे।