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सरगांव
सरस्वती शिशु मंदिर सरगांव में सन 1992 में प्रारंभ हुआ था जो कि लाला मंडल द्वारा दिए गए दान कि जमीन पर खोला गया था सरगांव नगरवासियों द्वारा चंदा एकत्रित कर सभी के सहयोग से सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल का प्रारंभ किया गया था जिसमें मुख्य उद्देश्य सभी वर्ग के बच्चों को शिक्षा प्रदान करना था अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान के द्वारा छत्तीसगढ़ प्रांतीय समूह समिति सरस्वती शिशु मंदिर में 1 जनवरी से 15 जनवरी तक जनसंवाद अभियान चलाया जायेगा जीसमे विद्यालय अपनी विशिष्टओ को लेकर शिक्षण का कार्य कर रहा है उत्कृष्ट शिक्षा अंग्रेजी भाषा एवं संस्कार व साथ हि अखिल भारतीय विद्यालय का स्तर का रूप भी लेते जा रहे हैं

जनजातीय शिक्षा छत्तीसगढ़ प्रांत में 150 एकल निशुल्क विद्यालय भी चल रहे है विद्यालय द्वारा समय-समय पर स्वच्छता का अभियान भी चलाया जाता है पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ महापुरुषों की जीवनी सरस्वती पूजन का कार्य भी साथ में किया जाता है पांच प्रकार की अलग शिक्षा का व्यवस्था भी किया है जिसमें शारीरिक शिक्षा सांस्कृतिक शिक्षा योग शिक्षा संगीत शिक्षा नैतिक एवं आध्यात्मिक शिक्षा में प्राचीन शिक्षा वैदिक गणित की भी व्यवस्था की गई है आगे चल के कंप्यूटर की भी शिक्षा व्यवस्था की गई है घर में सांस्कृतिक व्यवस्था के रूप में रह सके इसके लिए सांस्कृतिक पुस्तक की भी व्यवस्था स्कूल में की गई है जिसमें सरस्वती शिशु मंदिर में संस्कार विद्या का अच्छी तरीका से ज्ञान पाठ कराया जाता है अभी कुल 750 विद्यार्थी व 24 शिक्षक हैं विद्यालय में संस्कार व मानवता के साथ सेवा भाव से विद्या विद्यार्थियों को ग्रहण कराया जाता है
प्रेस वार्ता में विद्यालय के अध्यक्ष बृजमोहन अग्रवाल, पूर्व उपाध्यक्ष रामजुड़ावन साहू ,पूर्व सचिव रामाअवतार अग्रवाल, एवं प्राचार्य अनिल कुमार वर्मा के साथ साथ स्थानीय पत्रकार उपस्थित रहे।




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