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मुंगेली// जिले के मातृ एवं शिशु अस्पताल लोरमी में एक युवक ने बीती रात फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है तो वही इधर सुबह उसकी मां की भी मौत हो गई है।
जानकारी के मुताबिक बलौदाबाजार निवासी 47 वर्षीय अनिल जायसवाल लोरमी में किराए के मकान में रहते हुए धान भूसा सप्लाई करने का काम करता था। जो 50 बिस्तर अस्पताल में भर्ती था। जिसका उपचार पिछले तीन दिनों से चल रहा था और कल अचानक रात में फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया।
इस संबंध में लोरमी के बीएमओ डॉ. जीएस दाऊ ने कहा कि युवक को डायबिटीज और शुगर की शिकायत पर अस्पताल में भर्ती किया गया था, जिनका आज कोरोना जांच होना था और रात में युवक ने आत्महत्या कर लिया। पुलिस टीम की मौजूदगी में पंचनामा के बाद कोरोना टेस्ट किया गया, जिसका रिपोर्ट पॉजिटिव आया है।
इस पूरे मामले की सूचना मिलते ही डीएसपी नवनीत कौर और थाना प्रभारी केसर पराग समेत पुलिस टीम घटना स्थल पहुँचकर मुआयना किया। इस दौरान लोरमी के थाना प्रभारी केसर पराग ने जांच के बाद आगे की कार्यवाही करने की बात कही है।
24 घण्टे की इमरजेंसी सेवा पर उठ रहा सवाल..
बड़ा सवाल यह है कि लोरमी के सरकारी अस्पताल में 24 घंटे इमरजेंसी सेवाएं दी जा रही है और 24 घंटे स्वास्थ्य कर्मचारी तैनात रहते हैं। बावजूद इसके फांसी के फंदे में युवक ने लटकते हुए आत्महत्या कर लिया। मृतक बीते 7 सितंबर को डायबिटीज शुगर और फीवर की शिकायत पर 50 बिस्तर अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जो आइसोलेशन वार्ड में अपने ही गमछे से फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया। ऐसे में जिले के स्वास्थ्य सुविधा पर सवालिया निशान खड़ा होता दिखाई पड़ रहा है।