विवादों में हरिद्वार का पतंजलि गुरुकुलम, छुड़ाए गए 4 बच्चे, 6 लाख मांगने पर पिता ने की शिकायत, छत्तीसगढ़ सरकार की दखल पर बच्चो को सौंपा..

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गरियाबंद/ बाबा रामदेव के पतंजलि योगपीठ की ओर से संचालित हरिद्वार स्थित वैदिक कन्या गुरुकुलम विवादों में आ गया है। गरियाबंद से पढ़ने के लिए वहां गए 4 बच्चों को मुक्त कराया गया है। परिजन जब मिलने के लिए पहुंचे तो उन्हें कोरोना टेस्ट के नाम पर मना कर दिया गया। आरोप है कि बच्चों को भेजने के एवज में 6 लाख रुपए मांगे गए। पिता की शिकायत पर छत्तीसगढ़ सरकार के दखल से देर रात बच्चों को सौंपा गया है। CM बघेल ने बच्चों के उज्जवल भविष्य की कामना की है।

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देवभोग ब्लॉक के धौराकोट निवासी शिक्षक कौशल सिन्हा ने अपने बेटा व बेटी को वहां पढ़ने के लिए छोड़ा था। उनके साथ कौशल के साले परमेश्वर के भी दोनों बच्चे वहां पढ़ने गए थे। कौशल बुधवार को अपने ससुर ललित राम सिन्हा के साथ बच्चों से मिलने हरिद्वार स्थित गुरुकुलम पहुंचे। वहां करोना जांच का हवाला दिया गया। आरोप है कि रुड़की अस्पताल की रिपोर्ट भी नहीं मानी और कहा कि पतंजलि में जांच कराना अनिवार्य है। रिपोर्ट 4 दिनों बाद आएगी। तब मिलने दिया जाएगा।

एक बच्चे के 65 हजार जमा किए, अब डेढ़-डेढ़ लाख और मांग रहे थे:-

शिक्षक कौशल ने बताया कि वहां की अव्यवस्था के चलते बच्चों को वापस लाने का निर्णय लिया। हर बच्चे के लिए 65 हजार रुपए जमा किए थे। अब उन्हें वापस भेजने के नाम पर डेढ़-डेढ़ लाख रुपए और मांगे गए। ऐसे में 4 बच्चों के 6 लाख रुपए जमा करने को कहा गया। इस पर उन्होंने सरकार से मदद मांगी। जिसके बाद गरियाबंद कलेक्टर नीलेश क्षीरसागर के प्रयासों से स्थानीय प्रशासन ने सहयोग किया और रात करीब 10.40 बजे बच्चे उन्हें सौंपे गए। सुबह 4 बजे वे घर के लिए निकले हैं।

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा- बंधक बनाए गए बच्चों को छोड़ा गया
बच्चों की वापसी को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट किया है। इसमें उन्होंने लिखा है कि बच्चों को बंधक बनाए जाने की शिकायत उन्हें मिली थी। CM बघेल ने लिखा- पतंजलि गुरुकुल स्कूल में छत्तीसगढ़ के 4 छात्रों को बंधक बनाए जाने की शिकायत मुझ तक पहुंची थी। गरियाबंद कलेक्टर और एसपी की पहल पर बंधक बनाए गए बच्चों को छोड़ दिया गया है। मैं बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूं।

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