राज्यपाल ने कोविड-19 महामारी के संबंध में अधिकारियों की ली समीक्षा बैठक,क्वारेंटाइन सेंटरों की व्यवस्था सुदृढ़ करने दिए निर्देश

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रायपुर/ अब कोरोना वायरस से लड़ने का यह निर्णायक समय है. राज्य में कोविड-19 के सामुदायिक संक्रमण से बचने के लिए ठोस प्रयास करें. राज्य के विभिन्न स्थानों में बनाए गए क्वारेंटाइन सेंटरों की व्यवस्था में सुधार करें, वहां महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों की देखभाल की व्यवस्था सुदृढ़ करें, साफ-सफाई रखें और भोजन-पेयजल की उचित व्यवस्था की जाए. प्रत्येक सेंटर में महिलाओं के लिए सेनिटरी पेड का इंतजाम करें. उनकी अन्य सुविधाओं का विशेष ध्यान रखें. आम जनता ने क्वारेंटाइन सेंटर के हालात के बारे में मुझे सोशल मीडिया तथा पत्र के माध्यम से अवगत कराना सुनिश्चित करे, अतएव इन सेंटरों में सुधार की आवश्यकता है. इन सेंटरों में गर्भवती माताओं, बच्चों के लिए पौष्टिक भोजन प्रदान करें. यह बात राज्यपाल अनुसुईया उइके ने कही.
राज्यपाल ने आज राजभवन में प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति एवं उससे बचाव के उपायों एवं राज्य शासन के प्रयासों के संबंध में मुख्य सचिव सहित अन्य अधिकारियों की उच्चस्तरीय बैठक ली. उन्होंने कहा कि क्वारेंटाइन सेंटर में अधिक से अधिक टेस्ट किया जाए और यह ध्यान रखें कि कोई भी सेंटर न छूटने पाए.

राज्यपाल ने छत्तीसगढ़ में किये जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि अनलॉक पीरियड के इस दौर में हमें अभी और अधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है. छत्तीसगढ़ में अभी भी अन्य राज्यों की तुलना में शासन के प्रयासों से कोरोना वायरस से बचाव के लिए बेहतर कार्य हुए हैं. उन्होंने कहा कि आम जनता को सोशल डिस्टेंसिंग एवं इस महामारी से बचने के संबंध में जागरूक किया जाना आवश्यक है.


बैठक में मुख्य सचिव आर.पी. मण्डल, अपर मुख्य सचिव गृह सुब्रत साहू, राज्यपाल के सचिव एवं श्रम विभाग के सचिव सोनमणि बोरा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे


राज्यपाल ने कहा कि क्वारेंटाइन सेंटर में तथा कोरोना संक्रमण से हुए मौतों के लिए संबंधित परिवार को उचित मुआवजा दिया जाना चाहिए. उन्होंने इस संबंध में नीतिगत निर्णय लिये जाने का सुझाव दिया. उन्होंने कहा कि हमारे प्रदेश के कई छात्र, विदेशों विशेषकर किर्गिस्तान में फंसे हुए हैं, उन्हें यहां लाने की व्यवस्था किया जाना आवश्यक है. उन्होंने कहा कि जो प्रवासी मजदूर बाहर से आए हैं, उनके कौशल के आधार पर उन्हें बैंकों के माध्यम से बिना गारंटी का ऋण उपलब्ध कराने के संबंध में भी कार्यवाही की जानी चाहिए. सुश्री उइके ने अनुसूचित क्षेत्रों, आदिवासी बहुल क्षेत्रों में मनरेगा के तहत पर्याप्त रोजगार उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि आयुष मंत्रालय द्वारा निर्धारित आयुर्वेद काढ़े का क्वारेंटाइन सेंटर में वितरण किया जाए, जिससे उनके रोगप्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि हो. राज्यपाल ने कहा कि कंटेनमेंट जोन सहित अन्य क्षेत्रों में पुलिस विभाग, आम जनता के साथ संवेदनशीलता से व्यवहार करें और मानवीय दृष्टिकोण अपनाएं. राज्यपाल ने कहा कि कोविड-19 से बचाव के लिए केन्द्र सरकार से किसी भी प्रकार की मदद की अपेक्षा है उन्हें अवगत कराएं, वे इसके लिए स्वयं पहल करेंगी.


मुख्य सचिव आर.पी. मण्डल ने बैठक में जानकारी दी कि कोविड-19 के रोकथाम के लिए प्रदेश में पुख्ता व्यवस्था की जा रही है. छत्तीसगढ़ के श्रमिक जो बाहर से आए हैं, उनके लिए रोजगार की व्यवस्था की गई है और एक दिन में करीब 26 लाख श्रमिक मनरेगा के तहत कार्य कर रहे हैं. उन्हें स्वयं के खेत में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए भूमि समतलीकरण, डबरी निर्माण जैसे कार्य दिया गया है. साथ ही आदिवासी क्षेत्रों में लघु वनोपज के संग्रहण के बदले उन्हें करीब 32 करोड़ की राशि दी गई है, जिसे भारत सरकार की संस्था ट्राइफेड ने भी इसकी सराहना की है. मण्डल ने राज्यपाल के माध्यम से मनरेगा का कार्यदिवस प्रदेश में 200 दिन करने का आग्रह किया साथ ही आने वाले दिनों में संक्रमण के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए केन्द्र सरकार से सहायता राशि दिलाने का आग्रह किया.


अपर मुख्य सचिव गृह सुब्रत साहू ने बताया कि प्रदेश में कोविड-19 के फैलाव को रोकने के लिए अंतर्राज्यीय परिवहन के रोक को यथावत रखा गया है. साथ ही यह रोक शॉपिंग मॉल और मल्टिप्लेक्स पर भी फिलहाल बनी रहेगी. श्रम सचिव सोनमणि बोरा ने बताया कि 29 अप्रैल के बाद से अब तक करीब 03 लाख श्रमिकों को छत्तीसगढ़ लाया जा चुका है. राज्य सरकार द्वारा 65 ट्रेनों की व्यवस्था की गई है, जिसके माध्यम से करीब 88 हजार लोग आ चुके हैं. जो श्रमिक यहां पहुंच चुके हैं, उनके रोजगार की व्यवस्था के लिए 1500 कारखाने प्रारंभ हो चुके हैं. लॉकडाउन के दौरान करीब 37 हजार श्रमिकों को शिकायत के आधार पर करीब 39 करोड़ रूपए की राशि कारखाना मालिकों द्वारा दिलवाई गई. उसके साथ ही जो दूसरे राज्य से श्रमिक यहां पहुंचे, लॉकडाउन के दौरान उनके रूकने की व्यवस्था की गई और उनके गृह ग्राम पहुंचाने की व्यवस्था की गई.

स्वास्थ्य सचिव निहारिका बारिक ने जानकारी दी कि भविष्य में संक्रमण की बढ़ती संभावनाओं को देखते हुए रायपुर के इंडोर स्टेडियम में 150 बिस्तरों की और सुभाष स्टेडियम में 70 बिस्तरों की व्यवस्था की जा रही है तथा अन्य स्थानों में भी इसी प्रकार के कोविड-19 अस्पताल तैयार किये जाएंगे. खाद्य सचिव कमलप्रीत सिंह ने प्रवासी श्रमिकों के लिए किये गए राशन वितरण एवं ट्रांसपोर्ट व्यवस्था की जानकारी दी. बैठक में रायपुर जिले के प्रभारी कलेक्टर सौरभ कुमार एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आरिफ शेख भी उपस्थित थे

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