प्रदेश में खरीफ फसलों की बुआई शुरू : धान, तिलहन और साग-सब्जी की हो चुकी 13 हजार हेक्टेयर में बुआई..

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रायपुर/ राज्य में बीतेे एक सप्ताह से सक्रिय मानसून के चलते खरीफ फसलों की बुआई तेजी से शुरू हो गई है। कृषि विभाग से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार किसान धान, अन्य अनाज के फसलों सहित तिलहन और साग-सब्जी की बुआई करने लगे हैं। अब तक 6 हजार 380 हेक्टेयर में धान, 1200 हेक्टेयर में अन्य अनाज की फसलों सहित 2 हजार हेक्टेयर में तिलहनी तथा 3140 हेक्टेयर में साग-सब्जी एवं अन्य फसलों की बुआई का काम पूरा कर लिया गया है।

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राज्य में खरीफ सीजन 2021 में 48 लाख 20 हजार हेक्टेयर रकबे में खरीफ फसलों की बुआई का लक्ष्य है। जिसमें 36 लाख 95 हजार 420 हेक्टेयर में धान, 3 लाख 60 हजार हेक्टेयर में अन्य अनाज की फसलें और 3 लाख 76 हजार 670 हेक्टेयर में दलहन, 2 लाख 55 हजार 490 हेक्टेयर में तिलहन तथा एक लाख 32 हजार 340 हेक्टेयर में साग-सब्जी एवं अन्य फसलों की खेती का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

खरीफ सीजन 2021 के लिए खाद एवं बीज की किसानेां को आपूर्ति की व्यवस्था सहकारी समितियों के माध्यम से की गई है। खरीफ की विभिन्न फसलों के बीज की कुल मांग 11 लाख 7 हजार 992 क्विंटल के विरूद्ध अब तक 4 लाख 92 हजार 364 क्विंटल बीज का भण्डारण किया जा चुका है, जो निर्धारित लक्ष्य का 52 प्रतिशत है। किसानों द्वारा अब तक 2 लाख एक हजार 187 क्विंटल बीज का उठाव कर लिया गया है, जो भण्डारण का 41 प्रतिशत है। फसल विविधीकरण को ध्यान में रखते हुए इस बार एक लाख 55 हजार 492 क्विंटल धान के अतिरिक्त अन्य खरीफ फसलों के बीज की व्यवस्था की गई है। खरीफ में 11 लाख 75 हजार मेट्रिक टन रासायनिक उर्वरक के वितरण के लक्ष्य के विरूद्ध 8 लाख 15 हजार 910 मेट्रिक टन खाद का भण्डारण तथा 2 लाख 578 मेट्रिक टन खाद का वितरण किया जा चुका है।

राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा देने तथा रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता एवं कृषि लागत को कम करने के उद्देश्य से किसानों द्वारा जैविक खाद का भी उपयोग किया जा रहा है। गोधन न्याय योजना के तहत गौठानों में दो रूपए किलो में गोबर क्रय कर बड़ी मात्रा में वर्मी कम्पोस्ट एवं सुपर कम्पोस्ट खाद का उत्पादन किया जा रहा है। अब तक राज्य में 4 लाख क्विंटल से अधिक वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन गौठानों में किया गया है, जिसमें से एक लाख 82 हजार क्विंटल से अधिक वर्मी कम्पोस्ट सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों की मांग के अनुरूप आदान सहायता के रूप में प्रदाय किया गया है। इस साल खरीफ सीजन के लिए 5300 करोड़ रूपए कृषि ऋण के रूप में किसानों को उपलब्ध कराए जाने का लक्ष्य है। अब तक 1350 करोड़ रूपए से अधिक का ऋण किसानों को दिया जा चुका है। कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य में फसल विविधीकरण के तहत धान के बदले 3 लाख 44 हजार 398 हेक्टेयर रकबे में अन्य फसलों की खेती का लक्ष्य है, जिसके विरूद्ध अब तक 3 लाख 29 हजार 554 किसानों के 2 लाख 20 हजार 807 हेक्टेयर रकबे का चयन किया जा चुका है, जो निर्धारित लक्ष्य का लगभग 64 प्रतिशत है।

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