पालकों और समुदाय की मदद से बच्चों को सिखाने का अवसर, राज्य शासन, यूनिसेफ और राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण की साझेदारी का एक कार्यक्रम..

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रायगढ़// सीख कार्यक्रम राज्य शासन, यूनिसेफ और राज्य साक्षरता मिशन की साझेदारी से शुरू किया जा रहा। कलेक्टर भीम सिंह के निर्देशानुसार एवं जिला पंचायत सीईओ ऋचा प्रकाश चौधरी के मार्गदर्शन में सीख कार्यक्रम जिले में अब रायगढ़ और खरसिया विकासखण्ड में संचालित किया जा रहा है।

सीख एक ऐसी सुव्यवस्थित और प्रभावी योजना जो पालकों और समुदाय की मदद से बच्चों को सिखाने का अवसर प्रदान कर रही है। इस नए कार्यक्रम का नाम है सीख अर्थात सीखना। कार्यक्रम का उद्देश्य यही है कि कोरोना के इस संकट की घड़ी में बच्चों के सीखने की प्रक्रिया में कोई बाधा कोई रुकावट ना आये, वो बंद ना हो इसलिए ही इस नए कार्यक्रम की शुरुआत की जा रही है।

राज्य शासन, यूनिसेफ, राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण व जिला की साझेदारी से हो रहे इस कार्यक्रम की शुरुआत, रायगढ़ जिले के तमनार विकासखंड में ट्रायल के तौर पर शुरू की जा चुकी है जिसका बेहतर परिणाम भी आ रहा है।

रायगढ़ जिले के विकासखंड रायगढ़ और खरसिया के पालकों, समुदायों एवं बच्चों को भी इस सीख कार्यक्रम का बेसब्री से इंतजार था और अब यह कार्यक्रम जिले के विकासखंड रायगढ़ व खरसिया में व्यवस्थित व योजनाबद्ध रूप से संचालित होने जा रहा है। राज्य शासन, यूनिसेफ, राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण व जिला प्रशासन की कोशिश इस कार्यक्रम को घर-घर में बच्चों तक पहुंचाने की है।

कोरोना संक्रमण के इस कठिन दौर में जब खास तौर पर बच्चों के बारे में सोचते है तो हम सबके मन मे यह सवाल जरूर है कि यह दौर कब तक चलेगा और हम सब कब तक यूं ही घर में बंद रहेंगे और हमारे बच्चों की शिक्षा का क्या होगा, जब तक हमारी बच्चों की शिक्षा में रुकावट आएगी। स्कूल और आँगनबाड़ी कब तक बंद रहेंगे। बच्चों के सीखने की प्रकिया में ऐसे कब तक रुकावट आएगी। तो ऐसे में निराश होने की बात नही है, क्योंकि यह नया कार्यक्रम सीख एक ऐसा कार्यक्रम है जिसमें काफी सारी छोटी-छोटी रोचक गतिविधियां है। जिसमें माता-पिता, नाना-नानी, दादा-दादी बच्चों के साथ मिलकर घर पर ही कई मजेदार व रोचक गतिविधिया है जिसमें सब मिलकर काफी कुछ कर सकते हैं।

यह कार्यक्रम पालको और समुदायों को विश्वास देता है कि भले ही वे एक शिक्षक की तरह प्रशिक्षित नही है लेकिन इस सीख कार्यक्रम की गतिविधियां ही ऐसी हैं कि अपने बच्चों के साथ यदि आधा पौना घंटा भी बिताएँ और इसको समझने की कोशिश करें तो इस कार्यक्रम की गतिविधियों के सहारे बच्चों को घर पर ही काफी कुछ सिखाया जा सकता है।

सीख कार्यक्रम के जरिये बच्चों के सीखने और पढ़ाई करने की प्रक्रिया में काफी मदद मिलेगी और भविष्य में जब भी स्कूल खुलेंगे हमारे बच्चे पहले से सीख कार्यक्रम की मदद से तैयार रहेंगे। सीख कार्यक्रम के जरिये ऐसी चीजों को देने का प्रयास है जो आसानी से घर में किया जा सकता है। घर में चाहे जितने भी समान हो, चाहे वो सब्जी हो, कपड़ा हो पेपर हो, उनका इस्तेमाल करते हुये गिनती सीखने का काम अक्षर पहचानने का काम, लिखने-पढऩे का काम वो सब चीज सीख और कर सकते हैं। सीख की हर गतिविधयों की जानकारी शिक्षकों के जरिये फोन के माध्यम से पालको व बच्चों को लगातार मिलती रहेगी और हर संदेश के साथ एक ऑडियो क्लिप भी मिलती रहेगी। जिससे लगातार पता चलते रहेगा कि हमे क्या करना और सीखना है। जिले के रायगढ़ और खरसिया विकासखंड में संचालित होने वाले इस सीख कार्यक्रम की मॉनिटरिंग सतत् रूप से होती रहेगी।

इस सीख कार्यक्रम की संकल्पना को एजूकेशन स्पशेलिस्ट यूनिसेफ शेषागिरी मधुसूदन की मदद और राज्य शासन यूनिसेफ और राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण की साझेदारी से साकार करने की सार्थक कोशिश शुरूआत अब रायगढ़ और विकासखंड खरसिया में हो रही है। प्रतिदिन का वीडियो और ऑडियो क्लिप यूनिसेफ की शिखा मैम से नियमित रूप से प्राप्त हो रहे हैं।

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