तहसीलदार-वकील विवाद : बिलासपुर-सरगुजा के अधिवक्ता रायगढ़ पहुंचे, भ्रष्टाचार के मुद्दे पर निकाली रैली, जारी रहेगा राजस्व कोर्ट का बहिष्कार..

शेयर करें...

रायगढ़/ छत्तीसगढ़ में तहसीलदारों और वकीलों के बीच शुरू हुए विवाद का पटाक्षेप होता नहीं दिखाई दे रहा है। तहसीलदारों ने तो राजस्व कोर्ट को सुरक्षा दिए जाने के बाद 7 दिनों से चली आ रही हड़ताल को शुक्रवार को स्थगित कर दिया, लेकिन अब वकील भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अड़ गए हैं। रविवार को बिलासपुर-सरगुजा संभाग के तमाम अधिवक्ता रायगढ़ पहुंच गए और वहां रैली निकाली। इस दौरान अधिवक्ताओं ने कहा कि राजस्व कोर्ट का बहिष्कार जारी रहेगा।

Join WhatsApp Group Click Here

दरअसल, अब पुरानी मांगों के साथ-साथ अधिवक्ता गणों ने नई डिमांड सामने रख दी है। उनका कहना है कि राजस्व कोर्ट को सिर्फ दफ्तर बनाया जाए। इसके अलावा सभी राजस्व अधिकारियों से उसकी संपत्ति की घोषणा कराई जाए। उनका कहना है कि राजस्व कोर्ट में व्याप्त भ्रष्टाचार को खत्म करने की यह मुहिम है। खास बात यह है कि अधिवक्ताओं के भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाए इस अभियान को विभिन्न संगठनों और लोगों ने भी सहयोग कर दिया है।

शहर में रैली निकाल मांगा समर्थन


भ्रष्टाचार के मुद्दे पर रायगढ़ के अंबेडकर चौक पर वकील पिछले 4 दिनों से धरना दे रहे हैं। अधिवक्ता संघ के इस धरने में शनिवार को बिलासपुर और सरगुजा संभाग के सभी डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन और तहसील अधिवक्ता संघ के प्रतिनिधि भी शामिल हो गए। दोपहर करीब 2 बजे सभी वकील हाथों में तख्तियां-बैनर लिए रामनिवास टॉकीज होते हुए गांधी प्रतिमा पहुंचे। वहां माल्यार्पण के बाद गौरी शंकर मंदिर रोड होते हुए अंबेडकर चौक पर रैली खत्म की।

मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन, एडवोकेट प्रोटक्शन एक्ट की मांग


अधिवक्ताओं ने इस दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम एक ज्ञापन भी कलेक्टर को सौंपा है। 10 सूत्रीय इस ज्ञापन में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट बनाने के साथ ही अन्य मांग रखी है।

जिला अधिवक्ता संघ रायगढ़ के अधिवक्ताओं के विरुद्ध की गई झूठी FIR वापस ली जाए।
राजस्व अधिकारियों से सिर्फ प्रशासनिक कार्य ही कराएं।
राजस्व अधिकारियों से उनके न्यायिक कार्य को वापस लेकर जिला कोर्ट के क्षेत्राधिकार में लाया जाए।
एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाए।
सभी राजस्व अधिकारियों व पटवारियों के ऑफिस में सीसीटीवी कैमरा लगवाया जाए, जिसकी मॉनिटरिंग कलेक्टर करें और 24 घंटे में सार्वजनिक हो।
सभी राजस्व अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ लंबित आपराधिक शिकायत में प्रथम सूचना पत्र पत्र तत्काल दर्ज किया जाए।
प्रत्येक जिला कार्यालय में EOW के थानों की स्थापना की जाए।
लोक सेवा केंद्र को समाप्त किया जाए।
एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू होने तक किसी भी अधिवक्ता के खिलाफ FIR दर्ज होने से पहले अधिवक्ता संघ की सहमति अनिवार्य हो।
सभी राजस्व अधिकारियों से उनकी संपत्ति की घोषणा कराई जाए।
कलेक्टर ने बुलाया, पर नहीं मिले, कहा- गिरफ्तार वकीलों को छोड़ा जाए
अधिवक्ताओं ने कहा कि यह स्थिति केवल रायगढ़ राजस्व कोर्ट की नहीं बल्कि सभी जगह है। आरोप लगाया कि वहां बोलियां लगती हैं और फैसले बेचे जाते हैं। लोगों की भावनाओं, न्याय और फैसलों की खरीदी-बिक्री होती है। इन स्थितियों में इन कोर्ट का अधिवक्ता लगातार बहिष्कार करेंगे। इस दौरान कलेक्टर ने अधिवक्ताओं को बातचीत के लिए बुलाया, पर उन्होंने मना कर दिया। कहा कि पहले गिरफ्तार वकीलों को रिहा किया जाए, फिर बात होगी।

अगले रविवार फिर होगा अधिवक्ताओं जमावड़ा


इस विरोध प्रदर्शन और शहर में निकाली गई रैली के अब एक सप्ताह बाद यानी रविवाद को फिर से प्रदेश के अधिवक्ताओं का रायगढ़ में जमावड़ा होगा। सभी एकजुट होकर शहर में रैली निकालेंगे। वहीं रैली के दौरान भी अधिवक्ताओं का मेन फोकस एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट की मांग को लेकर था। उन्होंने कहा कि जब तक अधिवक्ताओं की सुरक्षा के लिए यह कानून अस्तित्व में नहीं लाया जाता है तब तक उनका यह आंदोलन जारी रहेगा।

Scroll to Top