ट्रिपल मर्डर केस : पुलिस ने 24 घंटे के भीतर सुलझाई हत्या की गुत्थी, एकतरफा प्यार बना हत्या की वजह…

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सरगुजा// ट्रिपल मर्डर का खुलासा सरगुजा पुलिस ने कर दिया है। इस घटना का मुख्य आरोपी मृतिका का वो प्रेमी है, जो उसे एक तरफा प्यार करता था। पुलिस के मुताबिक आरोपी अरविंद महिला से एक तरफा प्यार करता था और महिला के बार-बार मना करने पर आरोपी युवक महिला से नाराज था। आरोपी ने महिला को खुद का प्यार स्वीकार न करने पर जान से मारना चाहा पर महिला को मारते वक्त महिला के बच्चे और ससुर ने उसे देख लिया इस कारण आरोपी ने बच्चे और बुजुर्ग की भी जान ले ली। मामले में पुलिस ने आरोपी युवक को धारा 302, 201 भादवी के तहत गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। वहीं पुलिस अधीक्षक ने मामले में शामिल पुलिस कर्मियों को इनाम देने की घोषणा की है।

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पूरा मामला इस प्रकार था

सरगुजा जिले में स्थित थाना उदयपुर के ग्राम लेंगा से दिनांक 09-09-2021 की सुबह-सुबह पुलिस को सूचना प्राप्त हुई की ग्राम लेगा के मेधूराम शिरदार पिता स्व किरूराम सिरदार उम्र 52 वर्ष उसकी बहू कलावती शिरवार पति स्व. भजन सिरदार उम्र 27 वर्ष एवं उसका पोता चंद्रिका सिखार पिता स्व भजन सिरदार उम्र 10 वर्ष की गला काटकर और चाकू से मार कर निर्ममता पूर्वक किसी ने हत्या कर दी है। सूचना मिलते ही यह खबर सरगुजा सहित छत्तीसगढ़ में आग की तरह फैल गई जिस पर तत्काल सरगुजा पुलिस अधीक्षक अमित तुकाराम काबले अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विवक शुक्ला एसडीओपी अंबिकापुर अखिलेश कैशिक, थाना प्रभारी उदयपुर अपनी टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे साथ ही मौके पर डॉग स्क्वाड एफएसएल की टीम एवं फिंगरप्रिंट एक्सपर्ट भी पहुंचे। घटनास्थल में तीनों मृतकों की बॉडी अलग-अलग जगहों पर पड़ी हुई थी जिसमें बच्चे चंद्रिका की बॉडी घर से लगभग 40 मीटर की दूरी पर सड़क पर पड़ी मिली, जिसके गले को धारदार हथियार से काटा गया था एवं शरीर को चाकू से धोपा गया था।

मृतक कलावती को भी चाकू से वार एवं गले को धारदार हथियार से काटा गया था। जिसका शरीर घर के कमरे के दरवाजे के पास पड़ा मिला। मृतिका के ससुर मेधु राम सिरदार के शरीर में भी कई जगहों पर चाकू से मारने के निशान पाए गए। जिसकी बॉडी घर के बाहर रोड किनारे पड़ी मिली। घटनास्थल को देखने के बाद तत्काल पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में टीम गठित की गई। जिसमें सदेहियों से पूछताछ करने हेतु एक टीम टेक्निकल एनालिसिस करने हेतु साइबर की टीम, एफएसएल की टीम एवं परिवार से पूछताछ करने के लिए एक टीम का गठन किया गया। सभी को अलग-अलग टास्क दिया गया। घटनास्थल को देखने से यह प्रतीत हो रहा था कि संभवतः कोई जानकार आदमी ही इस घटना के पीछे है एवं पुलिस इस एंगल पर गांव वालों से पूछताछ करना शुरू कर दी।

साथ ही परिवार के सभी रिश्तेदारों से भी पुलिस ने पूछताछ प्रारंभ कर दिया। इसी बीच मुखबीर से सूचना प्राप्त हुई कि उक्त महिला के घर से कुछ दूरी पर रहने वाला अरविन्द सिरदार उर्फ वितना की उक्त घटना में संलिप्ता हो सकती है। अरविन्द से पूछताछ करने पर प्रारंभ में उसके द्वारा ऐसी किसी घटना से इनकार कर दिया गया। परंतु जब उससे पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ तो उसने अपना अपराध कबूल कर लिया और उसने बताया कि मुतिका के साथ वह प्रेम संबंध बनाने की इच्छा रखता था और महिला के द्वारा बार-बार इनकार करने पर 9 सितंबर की रात में लगभग 12:00 बजे वह कलावती को जान से मारने की नियत से उसके घर पहुंचा।

महिला के द्वारा दरवाजा खोलने के बाद मृतिका खाट पर बैठ गई एवम आरोपी पर चिल्लाने लगी कि रात में उसके घर क्यों आया है तभी आरोपी अपने पास रखें चाकू से मृतिका पर वार किया। जिससे बचने के प्रयास में चाकू उसके बच्चे के पेट में जाकर लगा और उसका बच्चा हल्ला करते हुए दौड़ कर बाहर भागा। इस बीच आरोपी मृतिका को मारकर वहां से बाहर निकला, बच्चा कुछ दूर जाकर सड़क पर बेहोश होकर गिर गया था, आरोपी के द्वारा बच्चे पर पुनः चाकू से उसकी गर्दन पर वार करते हुए निर्ममता पूर्वक गला काटकर और चाकू से वार कर हत्या कर दिया। बच्चे के चीखने की आवाज सुनकर मृतिका का ससुर मेधू राम निकल कर आया और उसे भी आरोपी के द्वारा मार दिया गया।

आरोपी ने अपना जुर्म कबुल किया और बताया कि उसने घटना में प्रयुक्त चाकू को खेत में छुपा कर रखा है साथ ही महिला की द्वारा प्रयोग में लाया जाने वाले मोबाइल को वह अपने साथ ले गया था। घटना के वक्त पहने हुए कपड़े जिसमें खून लगे हुए थे एवं मृतिका के मोबाइल को उसने जला दिया जले हुए कपड़े एवं मोबाइल को तथा चाकू को आरोपी के निशानदेही पर पुलिस द्वारा जप्त कर लिया गया है।

संपूर्ण कार्रवाई में पुलिस अधीक्षक अमित तुकाराम काबले, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विवेक शुक्ला, एसडीओपी अखिलेश कौशिक, कुलदीप कुजूर, दिलाबाग सिंह, थाना प्रभारी उदयपुर प्रभारी लखनपुर संदीप कौशिक, सहायक उप निरीक्षक अजीत मिश्रा, विनय सिंह, राजेन्द्र प्रसाद सिंह, प्रधान शत्रुधन सिंह, संतोष गुप्ता, भोज राज पासवान, अजित मिश्रा की भूमिका अहम रही।

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